सतत विकास लक्ष्य थीम की दिशा में सशक्त कदम, समाज और स्वास्थ्य सेवाओं पर दिखा असर
स्वास्थ्य विभाग, आशा कार्यकर्ताओं और सहयोगी संस्थाओं की टीम भावना का परिणाम
किशनगंज/प्रतिनिधि
परिवार नियोजन केवल जनसंख्या नियंत्रण का साधन नहीं है, बल्कि यह मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी, महिला सशक्तिकरण, आर्थिक स्थिरता और सतत विकास लक्ष्यों (LSDG थीम) की प्राप्ति का आधार भी है। केंद्र और राज्य सरकार की यह प्राथमिक योजना तब सफल होती है जब इसकी सेवाएँ गाँव-गाँव और घर-घर तक पहुँचती हैं। किशनगंज जिले ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है।
वर्ष 2024-25 में जहाँ यह जिला पूरे बिहार में 19वें स्थान पर था, वहीं जुलाई 2025 तक चौथे पायदान पर पहुँचकर न केवल एक बड़ी छलांग लगाई है बल्कि यह साबित किया है कि सामूहिक प्रयास और सतत निगरानी से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
निगरानी और रिपोर्टिंग से मिली सफलता
जिले की इस उपलब्धि के पीछे सटीक रणनीति और सतत निगरानी रही। स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन और पीएसआई इंडिया के सहयोग से उन उप स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष ध्यान दिया गया जहाँ परिवार नियोजन से जुड़ा कार्य तो हो रहा था लेकिन उसकी रिपोर्टिंग नियमित रूप से नहीं की जा रही थी।
नियमित मॉनिटरिंग, प्रशिक्षण और फॉलो-अप की व्यवस्था की गई। स्वास्थ्यकर्मियों को रिपोर्टिंग के महत्व से अवगत कराया गया और उनके कार्य को समय पर रिपोर्ट करने के लिए प्रेरित किया गया। परिणामस्वरूप परिवार नियोजन से संबंधित सभी कमोडिटीज की रिपोर्टिंग मजबूत हुई और यह जिला चौथे पायदान तक पहुँच सका।सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने इस उपलब्धि पर कहा की यह हम सबके लिए गर्व का क्षण है। चौथे स्थान पर पहुँचना केवल स्वास्थ्य अधिकारियों की मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि इसमें आशा कार्यकर्ताओं, आशा फैसिलिटेटर्स और सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया की अहम भूमिका रही है। गाँव-गाँव जाकर सेवाएँ पहुँचाना और सही रिपोर्टिंग करना इस उपलब्धि की कुंजी है। आने वाले समय में हमारा लक्ष्य और ऊँचा होगा।”
आशा कार्यकर्ताओं और फैसिलिटेटर्स का योगदान
परिवार नियोजन कार्यक्रम का असली आधार आशा और आशा फैसिलिटेटर्स ही हैं। वे सीधे घर-घर जाकर परिवारों को जागरूक करती हैं, दंपतियों को परिवार नियोजन के महत्व से अवगत कराती हैं और सुविधाएँ उपलब्ध करवाती हैं।उनकी निष्ठा और समर्पण से ही लोग इस योजना से जुड़ पाए और सेवाओं का लाभ ले पाए। इस प्रक्रिया में न केवल रिपोर्टिंग मजबूत हुई बल्कि समाज में परिवार नियोजन को लेकर सकारात्मक वातावरण भी बना। जिलाधिकारी विशाल राज ने इस अवसर पर कहा की “परिवार नियोजन केवल एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं है बल्कि यह सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में बड़ा कदम है। जब एक परिवार स्वस्थ और नियोजित होगा तो समाज और जिला दोनों प्रगति करेंगे। किशनगंज का यह चौथे पायदान तक पहुँचना इस बात का प्रमाण है कि हमारी स्वास्थ्य टीम और आशा कार्यकर्ताओं ने मिलकर शानदार काम किया है। आगे हमारी प्राथमिकता होगी कि रिपोर्टिंग की पारदर्शिता बनी रहे और हर पात्र परिवार तक यह सुविधा पहुँचे।”
पीएसआई इंडिया और संस्थागत सहयोग
किशनगंज की सफलता का एक बड़ा कारण सहयोगी संस्था पीएसआई इंडिया का निरंतर साथ रहा। इस संस्था ने तकनीकी सहयोग से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर तक सेवाओं की पहुँच को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।पीएसआई इंडिया के सहयोग से रिपोर्टिंग प्रणाली सुदृढ़ हुई और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आया। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि कोई भी परिवार नियोजन सुविधा केवल कागज़ों तक सीमित न रहे बल्कि धरातल पर सही रूप में लागू हो।
सतत प्रयास और नई ऊँचाइयाँ
जिले का यह प्रदर्शन अन्य जिलों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यहाँ की टीम भावना, आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत, फैसिलिटेटर्स का सहयोग और संस्थागत समर्थन ने मिलकर यह संभव किया है।भविष्य में लगातार रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग से न केवल रैंकिंग और बेहतर हो सकती है बल्कि सरकार की योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा परिवारों तक पहुँचाया जा सकता है। इससे मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी, महिलाओं को स्वास्थ्य एवं निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिलेगी और समाज में आर्थिक-सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। चौथे पायदान तक पहुँचना किशनगंज जिले के लिए गौरव का विषय है। इसने यह साबित कर दिया है कि जब प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, आशा-फैसिलिटेटर और सहयोगी संस्थाएँ एकजुट होकर काम करती हैं, तो किसी भी योजना को सफल बनाया जा सकता है। यह उपलब्धि केवल आँकड़ों की सफलता नहीं बल्कि समाज में स्वास्थ्य और जागरूकता की नई सोच का प्रतीक है।