ठाकुरगंज के पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल जनता दल यूनाइटेड में हुए शामिल, सियासत में आया भूचाल

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किशनगंज /रणविजय

ठाकुरगंज की सियासत एकबार फिर से करवट लेते दिखाई दे रही है। दरअसल पूर्व विधायक गोपाल कुमार अग्रवाल लंबे समय के बाद पुनः जदयू का दामन थाम चुके हैं। गोपाल कुमार अग्रवाल शुक्रवार को पटना स्थित पार्टी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा सहित कई दीगर नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ठाकुरगंज की सियासत में भूचाल ला दिया है।

हालांकि सदस्यता ग्रहण करने के दौरान ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो बार विधायक रहे पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नौशाद आलम की भी मौजूदगी देखी गई है। कल तक जो नौशाद आलम और गोपाल कुमार अग्रवाल ठाकुरगंज की सियासत में दो अलग अलग धुरी माने जाते थें आज एक ही छतरी के नीचे आ जाने से सियासी गलियारों में चर्चा का एक अलग दौड़ शुरू हो चुका है।

2005 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव जीतकर जदयू में शामिल होने वाले गोपाल कुमार अग्रवाल 2010 के चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़कर जीतने वाले नौशाद आलम से पराजित हो गए थें, तब चुनाव जीतने के बाद नौशाद आलम ने भी जदयू का दामन थाम लिया था और पुनः 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़कर दोबारा विधायक बन गए थें और इसबार भी गोपाल कुमार अग्रवाल को पराजय का मुंह देखना पड़ गया था।

इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में नौशाद आलम जदयू से तो गोपाल कुमार अग्रवाल बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में आमने सामने थें किंतु इस चुनाव में एनडीए के मतों का बिखराव राजद को सीधे फायदा पहुंचाया, जिस वजह से महागठबंधन के मुख्य घटक दल राजद के प्रत्याशी रहे सऊद आलम 89,354 मत पाकर भारी मतों से चुनाव जीत गए। हालांकि इस चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी रहे नौशाद आलम करीब करीब 22,000 मतों में ही सिमट कर रह गए और वहीं गोपाल कुमार अग्रवाल निर्दलीय प्रत्याशी होने के बावजूद भी 55,845 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे थें।

एनडीए की इस करारी शिकस्त के बाद दोनों एक दूसरे के ऊपर चुनाव हारने का ठीकरा फोड़ने लग गए थें। बहरहाल सियासत संभावनाओं को तलाशती है अवसर ढूंढती है, कल तक के दो धुर विरोधियों का आज एक साथ एक ही पार्टी में आ जाने के बाद ठाकुरगंज की सियासी समीकरण आसन्न विधानसभा चुनाव में कितना प्रभावित करेगा यह आने वाले दिनों में तय होगा। इस निर्णय के बाद एनडीए के कार्यकर्ताओं में एक अलग ही उत्साह और उमंग देखने को मिल रहा है।

लेकिन, चर्चा का बाजार इस बात को लेकर भी गर्म हो चुका है कि आखिर पटना में सियासत की ऐसी कौन सी खिचड़ी पकाई गई है जिसके दावत पर नौशाद आलम और गोपाल कुमार अग्रवाल दोनों पहुंच गए। बात जेडीयू संगठन की करें या फिर राजनीतिक विश्लेषकों की या फिर आम मतदाताओं की सभी के मन में एक ही सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या अबकी बार ठाकुरगंज विधानसभा सीट से जदयू की टिकट पर गोपाल कुमार अग्रवाल को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा ? क्या पूर्व मंत्री नौशाद आलम चुनाव नही लड़ेंगे ? या फिर नौशाद आलम को ही पार्टी उम्मीदवार बनाएगी ? गोपाल कुमार अग्रवाल को टिकट मिलने की सूरत में नौशाद आलम की सियासी पृष्ठभूमि का क्या होगा ? क्या नौशाद आलम को पार्टी किसी अन्य बड़े पद की जिम्मेदारी सौंपने पर मंथन कर रही है ? ऐसे कई सवाल हैं जो सियासी फिजां में अब तैरने लगे हैं।

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ठाकुरगंज के पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल जनता दल यूनाइटेड में हुए शामिल, सियासत में आया भूचाल

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