टेढ़ागाछ /विजय कुमार साह
किशनगंज जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत कनकई और रेतुआ नदियों से होने वाले कटाव की चिंता ग्रामीणों को सताने लगी है ।हालांकि अभी बरसात शुरू नहीं हुआ है ,लेकिन ग्रामीण हर साल होने वाले कटाव की वजह से चिंतित नजर आ रहे है।
ग्रामीणों का कहना है कि झुनकी मुसहरा, सुंदरबारी, पुराना टेढ़ागाछ, गर्राटोली और हाथीलद्दा जैसे दर्जनों गांवों का वजूद खतरे में पड़ चुका है।बीते साल कटाव ने सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन को निगल लिया था और अब बचे हुए इलाकों की बारी है।
समाजसेवी शाह आलम ने इस दर्दनाक स्थिति को लेकर जिला पदाधिकारी को आवेदन सौंपा है और तुरंत कटाव रोधी कार्य शुरू कराने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि मानसून के पहले ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो पूरा क्षेत्र नदी की गर्भ में समा जाएगा और यहां की मेहनतकश जनता बेघर हो जाएगी।
कटाव की भयावहता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर दिन ग्रामीणों की जमीन नदी में समा रही है और लोग असहाय होकर अपनी खेती और घर उजड़ते देख रहे हैं। शाह आलम ने प्रशासन से अपील की है कि समय रहते प्रभावी कदम उठाए जाएं, नहीं तो आने वाले समय में यह एक बड़ी मानव त्रासदी बन सकती है।वही उन्होंने विस्थापित परिवारों को जमीन देकर बसाने की मांग की है।
इस संबंध में जब अंचला अधिकारी शशि कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि राजस्व कर्मचारी के द्वारा बिहार सरकार की जमीन देखी जा रही है। जल्द ही विस्थापित परिवारों को जमीन मुहैया कराकर इन परिवारों को बसाया जाएगा।