देश/झारखंड
झारखंड में अधिकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश को भी ठेंगा दिखाते हैं और सीएम के आदेश भी अवहेलना करने से अधिकारियों को कोई गुरेज नहीं है ।दरअसल मामला जसीडीह निवासी उमेश अग्रवाल का है ।मालूम हो कि श्री अग्रवाल की जमीन सड़क निर्माण के लिए 2015 में अधिग्रहीत कि गई थी । लेकिन 5 साल बीत जाने के बावजूद उन्हें अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा नहीं मिला और वो दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है ।

श्री अग्रवाल मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन से 2018 से अभी तक लगातार गुहार लगा रहे है ।उसके बावजूद पहले तो सीएम द्वारा जांच चलने कि बात कही गई और जनवरी 2020 में सीएम के द्वारा डीसी देवघर को मामले के निस्तारण का आदेश दिया गया ।लेकिन अधिकारियों ने सीएम की बात को भी अनसुना कर दिया है ।
श्री अग्रवाल का कहना है कि कोरोना काल में व्यापार पूरी तरह चौपट हो चुका है ।उन्होंने सोचा था कि अगर मुआवजे की राशि मिल जाती तो उससे उन्हें व्यापार चलाने में मदद मिलती । लेकिन अधिकारियों द्वारा कोई सुनवाई ही नहीं की जा रही है । जिससे उनकी परेशानी काफी बढ़ चुकी है ।