किशनगंज में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सुनी पीएम मोदी के मन की बात 

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किशनगंज /प्रतिनिधि 

रविवार को प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम का 95वीं संस्करण का प्रसारण हुआ। किशनगंज भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष कुमार विशाल उर्फ डब्बा भाई के अध्यक्षता में प्रधानमंत्री  के मन की बात प्राथमिक विद्यालय तांती बस्ती स्थित बूथ संख्या 217 वार्ड नं 06 जिला, नगर के पदाधिकारियों एवं आमजनों के साथ सुना गया।

प्रधानमंत्री ने रविवार को ‘मन की बात’ के 95वीं संस्करण में कहा कि हम बहुत तेजी से ‘मन की बात’ के शतक की तरफ़ बढ़ रहे हैं। ये कार्यक्रम मेरे लिए 130 करोड़ देशवासियों से जुड़ने का एक और माध्यम है। हर एपिसोड से पहले, गाँव-शहरों से आये ढ़ेर सारे पत्रों को पढ़ना, बच्चों से लेकर बुजुर्गों के audio message को सुनना, ये मेरे लिए एक आध्यात्मिक अनुभव की तरह होता है।

आज के कार्यक्रम की शुरुआत तेलंगाना के राजन्ना सिर्सिल्ला जिले में एक बुनकर भाई हैं – येल्धी हरिप्रसाद गारू। जिन्होंने अपने हाथों से G-20 का यह logo बुन करके भेजा है। ये शानदार उपहार देखकर तो मैं हैरान ही रह गया। हरिप्रसाद जी को अपनी कला में इतनी महारथ हासिल है कि वो सबका ध्यान आकर्षित कर लेते हैं। हरिप्रसाद जी ने हाथ से बुने G-20 के इस Logo के साथ ही मुझे एक चिट्ठी भी भेजी है। चिट्ठी का जिक्र करते हुए अगले साल G-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करना भारत के लिए बड़े ही गौरव की बात है कही है।G-20 की अध्यक्षता, हमारे लिए एक बड़ी opportunity बनकर आई है। 

हमें इस मौके का पूरा उपयोग करते हुए Global Good, विश्व कल्याण पर focus करना है। चाहे Peace हो या Unity, पर्यावरण को लेकर संवेदनशीलता की बात हो, या फिर Sustainable Development की, भारत के पास, इनसे जुड़ी चुनौतियों का समाधान है। हमने One Earth, One Family, One Future की जो theme दी है, उससे वसुधैव कुटुम्बकम के लिए हमारी प्रतिबद्धता जाहिर होती है।

इसके अलावा उन्होंने 18 नवंबर को पूरे देश ने Space Sector में एक नया इतिहास बनते देखा। इस दिन भारत ने अपने पहले ऐसे Rocket को अंतरिक्ष में भेजा, जिसे भारत के Private Sector ने Design और तैयार किया था। साथ ही Drone Technology का जिक्र करते हुए कहें कि Drone के क्षेत्र में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुछ दिनों पहले हमने देखा कि कैसे हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में Drones के जरिए सेब Transport किये गए। उन्होंने  Greece के गायक हैं – ‘Konstantinos Kalaitzis’ के बारे बताते हुए कहें कि उनके मन में India और Indian Music को लेकर गजब का Passion है। भारत से उन्हें इतना लगाव है, पिछले 42 (बयालीस) वर्षों में वे लगभग हर वर्ष भारत आए हैं। उन्होंने भारतीय संगीत के Origin, अलग-अलग Indian Musical systems, विविध प्रकार के राग, ताल और रास के साथ ही विभिन्न घरानों के बारे में भी study की है। उन्होंने, भारतीय संगीत की कई महान विभूतियों के योगदान का अध्ययन किया है, भारत के  Classical dances के अलग-अलग पहलुओं को भी उन्होंने करीब से समझा है।

 भारत से जुड़े अपने इन तमाम अनुभवों को अब उन्होंने एक पुस्तक में बहुत ही खूबसूरती से पिरोया है। Indian Music नाम की उनकी book में लगभग 760 तस्वीरें हैं,साथ ही कुछ सप्ताह पहले एक और खबर आई थी जो हमें गर्व से भरने वाली है। आपको जानकर अच्छा लगेगा कि बीते 8 वर्षों में भारत से Musical instruments का Export साढ़े तीन गुना बढ़ गया है। Electrical Musical Instruments की बात करें तो इनका Export 60 गुना बढ़ा है। इससे पता चलता है कि भारतीय संस्कृति और संगीत का craze दुनियाभर में बढ़ रहा है।Indian Musical Instruments के सबसे बड़े खरीदार USA, Germany, France, Japan और UK जैसे विकसित देश हैं। हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है कि हमारे देश में Music, Dance और Art की इतनी समृद्ध विरासत है। आज भारत से हजारों मील दूर बसे South American देश Guyana से आई है।

 19वीं और 20वीं सदी में बड़ी संख्या में हमारे यहाँ से लोग Guyana गए थे। वे यहाँ से भारत की कई परम्पराएं भी अपने साथ ले गए थे। उदाहरण के तौर पर, जैसे हम भारत में होली मनाते हैं, Guyana में भी होली का रंग सिर चढ़कर बोलता है। जहाँ होली के रंग होते हैं, वहाँ फगवा, यानि, फगुआ का संगीत भी होता है। Guyana के फगवा में वहाँ भगवान राम और भगवान कृष्ण से जुड़े विवाह के गीत गाने की एक विशेष परंपरा है। इन गीतों को चौताल कहा जाता है।

प्रधानमंत्री जी नागालैंड में नागा समाज की जीवनशैली, उनकी कला- संस्कृति और संगीत, ये हर किसी को आकर्षित करती है। ये हमारे देश की गौरवशाली विरासत का अहम हिस्सा है। नागालैंड के लोगों का जीवन और उनके skills sustainable life style के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। 

इन परम्पराओं और skills को बचाकर अगली पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए वहाँ के लोगों ने एक संस्था बनाई है, जिसका नाम है – ‘लिडि-क्रो-यू’ नागा संस्कृति के जो खूबसूरत आयाम धीरे धीरे खोने लगे थे, ‘लिडि-क्रो-यू’ संस्था ने उन्हें फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया है। यूपी हरदोई के जतिन जी के दो साल पहले यहां ‘Community Library and Resource Centre’ शुरू किया था। उनके इस centre में हिंदी और अंग्रेजी साहित्य, कंप्यूटर, लॉ और कई सरकारी परीक्षाओं की तैयारियों से जुड़ी 3000 से अधिक किताबें मौजूद हैं।हर रोज गांव के तकरीबन 80 विद्यार्थी इस Library में पढ़ने आते हैं।

झारखंड के संजय कश्यप जी भी गरीब बच्चों के सपनों को नई उड़ाने दे रहे हैं। अपने विद्यार्थी जीवन में संजय जी को अच्छी पुस्तकों की कमी का सामना करना पड़ा था। ऐसे में उन्होंने ठान लिया कि किताबों की कमी से वे अपने क्षेत्र के बच्चों का भविष्य अंधकारमय नहीं होने देंगे। अपने इसी मिशन की वजह से आज वो झारखंड के कई जिलों में बच्चों के लिए ‘Library Man’ बन गए हैं।ऐसा करते हुए उन्होंने झारखंड के कई जिलों में बच्चों के लिए Library खोल दी है। Library खोलने का उनका यह mission आज एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले रहा है। संजय जी हो या जतिन जी ऐसे अनेक प्रयासों के लिए मैं उनकी विशेष सराहना करता हूं।

साथ ही उन्होंने कहा Medical science की दुनिया ने research और innovation के साथ ही अत्याधुनिक technology और उपकरणों के सहारे काफी प्रगति की है, लेकिन कुछ बीमारियाँ, आज भी हमारे लिए, बहुत बड़ी चुनौती बनी हुई है।

 ऐसी ही एक बीमारी है – Muscular Dystrophy ! यह मुख्य रूप से एक ऐसी अनुवांशिक बीमारी है जो किसी भी उम्र में हो सकती है इसमें शरीर की मांसपेशियाँ कमजोर होने लगती हैं। रोगी के लिए रोजमर्रा के अपने छोटे-छोटे कामकाज करना भी मुश्किल हो जाता है ऐसे मरीजों के उपचार और देखभाल के लिए बड़े सेवा-भाव की जरूरत होती है,।

हमारे यहां हिमाचल प्रदेश में सोलन में एक ऐसा centre है, जो Muscular Dystrophy के मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण बना है।

 इस centre का नाम है – ‘मानव मंदिर’, इसे Indian Association Of Muscular Dystrophy द्वारा संचालित किया जा रहा है। मानव मंदिर अपने नाम के अनुरूप ही मानव सेवा की अद्भुत मिसाल है। यहां मरीजों के लिए OPD और admission की सेवाएं तीन-चार साल पहले शुरू हुई थी। मानव मंदिर में करीब 50 मरीजों के लिए beds की सुविधा भी है। Physiotherapy, Electrotherapy, और Hydrotherapy के साथ-साथ योग-प्राणायाम की मदद से भी यहां रोग का उपचार किया जाता है।

G-20 जैसे अन्तर्राष्ट्रीय प्रयोजन में हमारे एक बुनकर साथी ने अपनी जिम्मेदारी समझी, उसे निभाने के लिए आगे आए। इसी तरह, कोई पर्यावरण के लिए प्रयास कर रहा है, कोई पानी के लिए काम कर रहा है, कितने ही लोग शिक्षा, चिकित्सा और Science Technology से लेकर संस्कृति-परंपराओं तक, असाधारण काम कर रहे हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि आज हमारा हर नागरिक अपने कर्तव्य को समझ रहा है जब ऐसी कर्तव्य भावना किसी राष्ट्र के नागरिकों में आ जाती है, तो उसका स्वर्णिम भविष्य अपने आप तय हो जाता है, और, देश के ही स्वर्णिम भविष्य में हम सबका भी स्वर्णिम भविष्य है।

आज के इस कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष पंकज कुमार साह उर्फ मानू, जिला महामंत्री राजेश गुप्ता, जिला प्रवक्ता जय किशन प्रसाद कुशवाहा अधिवक्ता, अधिवक्ता गौतम पोद्दार,नगर महामंत्री अरविंद मंडल, रमाकांत मंडल,उपाध्यक्ष गगनदीप सिंह ,नगर मीडिया प्रभारी कौशल आनंद, नगर मंत्री विश्वजीत कुमार, दीपेश झा, बूथ अध्यक्ष विकास कुमार गुप्ता,संदीप सोनार, जय किशोर बसाक, सैनिक प्रकोष्ठ से विश्वजीत गुप्ता, अरुण यादव, मोहम्मद अमजद,संजीत कुमार,अंजली देवी,सुनीता देवी, गौरव बोसाक, बीरू बोसाक़ सहित अनेकों भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे ।

किशनगंज में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सुनी पीएम मोदी के मन की बात