कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):
जिला मुख्यालय में ही सार्वजनिक जगहों पर प्याऊ की व्यवस्था नहीं होने और चापाकल भी खराब होने से लोग बोतल बंद पानी पीने के लिए मजबूर हैं।प्रचंड गर्मी और धूल भरी हवाएं चलने से लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो चुका है। गर्मी का मौसम इन दिनों अपने चरम पर है।मौसम का मिजाज भी पूरी तरह बदल चुका है। सुबह 10 बजे के बाद से ही चल रही गर्म धूल भरी हवाओं की वजह से लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हो गए हैं। सूर्य की तेज किरणों की वजह से लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है।खासकर स्कूल से लौटने के दौरान छात्रों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 10 बजे के बाद ही छुट्टी होती है। ग्रामीण इलाकों में स्कूल से पैदल दूरी तय कर घरों तक पहुंचने के दौरान छात्रों को गर्म हवाओं और सूरज की तेज किरणों का भी सामना करना पड़ रहा है। अभिभावक अब स्कूलों में छुट्टी की मांग करने लगे हैं। मौसम के बदले मिजाज की वजह से बीमारियों की आशंका भी बढ़ गई है। अस्पताल में मरीजों की संख्या भी दिनों दिन बढ़ रही है। सार्वजनिक जगहों पर अब तक शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था नहीं दिखाई दे रही है। नगर प्रशासन द्वारा भी अब तक प्याऊ की व्यवस्था नहीं की गई। ग्रामीण इलाकों से शहर में आने वाले लोगों को पेयजल के लिए काफी भटकना पड़ रहा है। मजबूरी में बोतलबंद पानी की खरीदारी कर प्यास बुझानी पड़ रही है। शहर में लगे अधिकांश सरकारी चापाकल भी मरम्मत के अभाव में बंद पड़े हुए हैं।