कैमूर जिले में दूसरे दिन भी बैंक रहे बंद, करोड़ों रुपये का व्यवसाय हुआ प्रभावित

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 कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):

जिले मे यूनाइटेड फाेरम आफ बैंक यूनियन के आह्वान पर बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही। दो दिवसीय हड़ताल के चलते जिले में लगभग 160 करोड़ रुपये का व्यवसाय प्रभावित हुआ है। दूसरे दिन भी कर्मियों ने दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष धरना दिया। धरना का नेतृत्व दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक आफिशर्स फेडरेशन के अध्यक्ष राधेश्याम तिवारी ने की। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के माध्यम से सरकार जनता की कमाई जो जमा के रूप में बैंकों में है उसे कारपोरेट घरानों को सौंपना चाहती है।

बैंकों के निजीकरण से ग्रामीण शाखाएं बंद होगी। कृषि ऋणों में कमी, सीमांत और छोटे कृषक की कृषि कार्य से बेदखली, शिक्षा ऋण एवं मध्यम व्यापारी को ऋण लेने में कठिनाई होगी। बैंक कर्मियों ने बताया कि सरकार की जनविरोधी बैंकिंग एवं आर्थिक नीतियों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और उनमें विनिवेश के फैसलों के विरोध में यह हड़ताल की गई।

सरकार के इस फैसले से किसान, लघु बचतकर्ता, पेंशनधारकों, छोटे व मध्यम वर्गीय उद्यमियों, व्यापारियों एवं विद्यार्थियों, महिलाओं, पिछड़े वर्ग के लोगों, बेरोजगार लगभग देश की 95 प्रतिशत जनता का अहित होगा। इन लोगों की रक्षा के लिए भी बैंक कर्मियों ने यह कदम उठाया है। बता दें कि जिले में विभिन्न बैंकों की कुल 120 शाखाएं हैं। जिनमें सोमवार व मंगलवार को ताला लटका रहा। 
बैंक उपभोक्ताओं के लिए सीएसपी खुले रहे। जहां से उपभोक्ताओं को राशि मिली। लेकिन एटीएम नहीं काम दे सके। भभुआ नगर में सभी एटीएम बंद रहे। इससे एटीएम से राशि निकासी करने जाने वाले उपभोक्ताओं को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। धरना में प्रदीप कुमार सिंह, अश्विनी कुमार, कुमार सौरभ, आनंद सिंह, धनंजय सिंह, एसबीआई के देव कुमार, आमोद कुमार सिंह, सुयश विमल सहित अन्य शामिल थे।

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