दिल्ली : ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के आंकड़ों पर राजनीति हुई तेज,कांग्रेस ,शिवसेना,आप नेताओ ने साधा केंद्र पर निशाना

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देश /डेस्क

देश में ऑक्सीजन की कमी की वजह हुई मौतों के आंकड़े को लेकर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है ।बता दे की मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि देश में आक्सीजन की कमी से  मौत की कोई जानकारी राज्य सरकारों द्वारा उपलब्ध नहीं करवाया गया है ।जिसके बाद तमाम विपक्षी पार्टी के नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है ।आम आदमी पार्टी के साथ साथ कांग्रेस ,शिवसेना इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी हुई है।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मौतें इसलिए हुईं क्योंकि महामारी वाले साल में सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात 700% तक बढ़ा दिया,क्योंकि सरकार ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकरों की व्यवस्था नहीं की ।उन्होने ट्वीट कर कहा कि एंपावर्ड ग्रुप और संसदीय समिति की सलाह को नजरंदाज कर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया गया,अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में कोई सक्रियता नहीं दिखाई गई ।






शिव सेना के राज्य सभा सांसद ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए  कहा, ‘मेरे पास शब्द नहीं हैं। आखिर इस तरह का बयान सुनकर उनके परिजनों पर क्या गुजरी होगी, जिनकी मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हो गई थी? सरकार के खिलाफ केस दर्ज किया जाना चाहिए।मालूम हो कि इससे पहले मंगलवार को राज्यसभा में कोरोना संकट को लेकर बहस के दौरान संजय राउत ने कहा था कि सरकार को इस महामारी में हुई मौतों का पूरा आंकड़ा रखना चाहिए। उनका कहना था कि सरकार को कोरोना संकट के चलते मरने वाले सभी लोगों का सही डेटा पेश करना चाहिए ताकि पूरी जानकारी मिल सके।दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने इस मामले पर कहा कि दिल्ली और देश के कई जगहों पर ऑक्सीजन की कमी से मौतें हुईं। उन्होंने कहा ऑक्सीजन की कमी से जो मौतें हुई हैं उन्हें 5 लाख मुआवजा देने के लिए हमने कमेटी बनाई थी जिसे उपराज्यपाल ने भंग कर दिया ।






वहीं मनसुख मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार के पास कोरोना के आंकड़ों को छिपाने की कोई वजह नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सिर्फ आंकड़ों का संकलन ही करती है, जो राज्यों की ओर से पेश किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर दिन राज्य सरकारों की ओर से जो आंकड़े दिए जाते हैं, उन्हें ही कंपाइल करके अगले दिन सुबह केंद्र सरकार की ओर से पेश किया जाता है।बता दे कि स्वास्थ्य राज्यो का विषय है और राज्य सरकार की पूरी जवाबदेही बनती है की वो केंद्र को ससमय जानकारी दे ।लेकिन राज्य सरकारों द्वारा ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों की जानकारी नहीं देना कहीं ना कहीं राज्य सरकारों की संवेदन हीनता को दर्शाता है। 






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