गलगलिया/चंदन मंडल
भारत – नेपाल सीमा के गलगलिया व भद्रपुर में लोक आस्था का महा पर्व छठ पर्व बुधवार को यानी कल से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। इसके बाद गुरुवार को व्रती महिलाएं खरना व्रत के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी। शुक्रवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा और शनिवार को उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण होगा।
इसके मद्देनजर के सीमा वासियों ने मेची नदी की साफ-सफाई करने के साथ ही घरों पर भी तैयारी करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा घरों पर महिलाओं ने भी पूजा को लेकर अपनी तैयारी तेज कर दी है। साथ ही छठ महापर्व पर व्रतियों को मेची छठ घाट पर आवाजाही में किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसलिए भातगांव पंचायत के मुखिया जनप्रतिनिधि बृज मोहन सिंह उर्फ मुन्ना सिंह के नेतृत्व में सड़क पर बने गड्ढे को को बराबर कर भरा जा रहा है।
ताकि छठ व्रतियों को आने जाने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। वहीं मेची नदी के घाट को देखकर नेपाल के लोगों को भी काफी पंसद आता है और काफी संख्या में लोग भद्रपुर, चंद्रगढ़ी, बनियानी व घोड़ामारा सहित अन्य जगहों से इसे देखने गलगलिया मेची घाट पर आते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण यह दृश्य देखने को नहीं मिलेगी।
कोरोना वायरस के कारण यह सबचीज ठप हो गया है। भारत के अलावा नेपाल में भी इसकी धूम रहती है, लेकिन इस बार सब ठप है। साथ ही छठ पूजा के पूजन सामग्री गलगलिया बाजार में खरीदारी करने आते थे। जिससे बाजार में नेपाल के लोगों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी काफी भीड़ देखी जाती थी। इस वर्ष ऐसा कुछ नहीं देखने को नहीं मिल रहा है।