- बांग्लादेश के ही रफीक नामक व्यक्ति ने की थी भारत में प्रवेश के लिए मदद
- भारतीय आधार कार्ड बरामद
नक्सलबाड़ी: भारत – नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 41वीं वाहिनी की सी कंपनी पानीटंकी के जवानों ने एक बांग्लादेशी नागरिक को अपने हिरासत में लिया है। बांग्लादेशी नागरिक का नाम सुकुमार चंद्र शील (35) है। वह बांग्लादेश के तेतुलिया, पंचगढ़ का निवासी है। एसएसबी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीमा से लगभग साढ़े तीन किमी दूरी पर स्थित सीमा स्तंभ संख्या 89/4 के पास एक विशेष अभियान चलाया। उसी दौरान बांग्लादेशी नागरिक को हिरासत ले लिया गया।
बांग्लादेशी नागरिक ने दस्तावेज़ों के बारे में पूछने पर एसएसबी को उसने अपने मोबाइल फ़ोन में मौजूद दस्तावेज़ दिखाए। उसके फोन में बांग्लादेशी पहचान पत्र और भारतीय आधार कार्ड की तस्वीर दस्तावेज बरामद हुए। बताया कि वह करीब 4 महीने पहले भारत आया था और रोज़गार के सिलसिले में कई जगहों पर रह रहा था। वह बांग्लादेशी मूल के रफीक नामक एक व्यक्ति की मदद से भारत-बांग्लादेश सीमा के अनाधिकृत रास्ते से भारत आया था।
रफीक ने उसे बंगलाबंधा के भारत-बांग्लादेश सीमा पार करने में मदद की थी। उसने बताया कि वह केवल रोज़गार के लिए भारत आया था और पिछले चार महीनों से अपनी राष्ट्रीयता छिपाने के लिए वह कई नाई की दुकानों में नाई का काम कर रहा है। बाद में एसएसबी एसएसबी ने अपनी सारी कागजी कार्रवाई करने के बाद बांग्लादेशी नागरिक को नक्सलबाड़ी थाना पुलिस को सुपुर्द कर दिया।
क्या है पूरा मामला: बताता गया उक्त बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से सीमा पार की और फुलबाड़ी से वह शिव मंदिर (बागडोगरा के पास) तक पैदल आया जहां उसने बस स्टैंड के पास रात बिताई।दूसरे दिन वह नक्सलबाड़ी चला गया जहां उसके ससुर का पहले से संबंध था। भावेश शील नाम के व्यक्ति ने उसे और उसके परिवार को 4-5 दिनों के लिए शरण दी थी, फिर भावेश शील उसे आधार कार्ड बनाने के लिए कालियागंज ले गया, फिर कालियागंज से आने के बाद उसकी मुलाकात माधव राय से हुई जिसने उसे सैलून में काम दिलाने में मदद की।
उसने अपना आधार कार्ड कलियागंज इलाके से बनवाया थाजहां उसके ससुर का भी संपर्क था। भावेश शील ने बायोमेट्रिक जांच और आधार कार्ड की सभी औपचारिकतएं पूरी करने में उसकी मदद की। हाल ही में 10-15 दिन पहले उसे अपनी पत्नी के दस्तावेज़ों के साथ आधार कार्ड भी मिल गया। वर्तमान में वह नक्सलबाड़ी के रथखोला के खालबस्ती गांव में झंटू कुमार राय के घर में 1000 रुपये किराए पर रह रहा है।
वह नक्सलबाड़ी के खालबस्ती गांव में सातभइया पुल के पास माधव सैलून में नाई का काम कर रहा था । आगे पूछताछ में उसने बताया कि जब वह बांग्लादेश में था, तब कुछ उपद्रवी लोगों ने उसकी पत्नी को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था और बाद में शेख हसीना के हटने के बाद भी वे उसकी पत्नी और परिवार को प्रताड़ित करने लगे, इसलिए उसने देश छोड़कर शांतिपूर्वक भारत जाने का फैसला लिया।