नक्सलबाड़ी /चंदन मंडल
हर वर्ष गांव से लेकर शहर तक धूमधाम से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना की नजर पहले के त्योहारों की तरह ही दुर्गा पूजा के आयोजन पर भी लग गई है। इसको देखते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूजा के आयोजन के लिए आवश्यक गाइड लाइन जारी कर दी है।
इससे इतना तो तय है कि पूजा का आयोजन तो होगा, लेकिन रौनक काफी फीकी रहेगी। जबकि शहर में महीनों पहले ही पूजा की तैयारी शुरू हो जाती है। लोगों में उत्साह और उमंग का वातावरण चारों ओर दिखने लगता है । रथ उत्सव के बाद पूजा की तैयारियां शुरू हो जाती है। परंतु इस वर्ष ऐसा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। पूजा को लेकर किसी प्रकार की रौननक नहीं दिख रही है।
हांलाकि पहले पूजा आयोजन को लेकर पूजा समितियों जिस असमंजस की स्थिति में थी,वह अब नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूजा के आयोजन को लेकर सरकारी गाइड लाइन जारी करने के साथ ही सभी पूजा कमेटियों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की है। इससे अब पूजा का भावना बनने लगा है।
साथ ही गाइडलाइंस के अनुसार पूजा पंडालों में नहीं होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम , मास्क पहना अनिवार्य होगा , पंडालों का सैनिटाइज व शोसल डिस्टेंस का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इससे यह तय हो गया है कि पूजा तो अवश्य होगी लेकिन प्रति वर्ष की तरह किसी विशेष प्रकार का आयोजन नहीं किया जाएगा, न ही किसी थीम को आधार बनाकर पूजा पंडाल बनाया जाएगा ।
रविवार दुर्गा पूजा को लेकर डांगुजोत स्तिथ मां दुर्गा की मंदिर प्रांगण में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में दुर्गा पूजा को लेकर डांगुजोत की नई समिति का गठन किया गया। जिसमें समिति के अध्यक्ष देवकुमार महतो , उपाध्यक्ष अशोक साह , कोषाध्यक्ष शंभु साह , उप कोषाध्यक्ष मनोज महतो , महासचिव चंदन मंडल , सचिव चंदन साह को सर्वसम्मति से चयनित किया गया। बैठक में समिती के अध्यक्ष देवकुमार महतो ने कहा कि मुझे जो जिम्मेवारी सौंपी गई है उस पर हर संभव खड़ा उतरने का प्रयास करुंगा और पूजा को बेहतर तरीके से संचालित करना मेरी पहली प्राथमिकता होगी। वहीं कोषाध्यक्ष शंभु साह ने कहा कि दुर्गा पूजा को लेकर जैसा आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है,वैसा इस वर्ष नहीं होगा। बहुत ही साधारण तरीके से पूजा की जाएगी क्योंकि इस समय आर्थिक संकट का दौर चल रहा है। वहीं कोरोना महामारी के चलते भीड़ भाड़ नहीं करनी है और इन सबको ध्यान में रखकर ही छोटे रूप में पूजा का आयोजन किया जाएगा ।