विजय कुमार साह/टेढ़ागाछ (किशनगंज)
टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत हवाकोल पंचायत के गोढिया हाट के समीप धार में आरसीसी पुल बीते 12 वर्षों से ध्वस्त पड़ा है। पुल का पुनर्निर्माण अबतक नहीं हो पाया है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों को हर दिन जान जोखिम में डालकर आना-जाना करना पड़ता है। बरसात के मौसम में स्थिति और भी भयावह हो जाती है — खासकर स्कूली बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और मरीजों के लिए यह रास्ता एक खतरनाक सफर बन चुका है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले एक दशक से अधिक समय में वे जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों – सांसद एवं विधायक – तक कई बार आवेदन देकर गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। पुल की मरम्मत या पुनर्निर्माण को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जो शासन और प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है।
यह पुल सिर्फ एक गांव को नहीं, बल्कि आसपास के दर्जनों पंचायतों के सैकड़ों ग्रामीणों को मुख्य सड़क से जोड़ता है। इसके ध्वस्त होने से पंचायत सरकार भवन, ग्राम कचहरी और विद्यालय जाने में भी ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बरसात के मौसम में पानी का बहाव तेज हो जाता है, जिससे स्कूली बच्चे और उनके अभिभावक पुल पार करने से डरते हैं। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, और अभिभावकों को हर पल इस बात की चिंता सताती है कि कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए।
ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा है कि जल्द से जल्द इस पुल का पुनर्निर्माण किया जाए, ताकि बच्चों की शिक्षा और लोगों की दैनिक आवाजाही बाधित न हो। यह केवल एक पुल नहीं, बल्कि गांव के विकास, सुरक्षा और भविष्य से जुड़ा सवाल है।
स्थानीय लोगों वार्ड सदस्य मनसब आलम,सीताराम ऋषिदेव,कौशर आलम,अदनान आलम,अबुनसर आलम,तबरेज आलम का कहना है कि अगर शासन-प्रशासन 12 वर्षों में एक छोटी सी आरसीसी पुल का निर्माण नहीं कर सका, तो फिर ऐसे सिस्टम से हम और क्या उम्मीद कर सकते हैं?