सत्संगियों को सदाचार का पालन करते हुए सतगुरु का ध्यान करने से आध्यत्मिक शक्ति मिलती है : व्यासानन्द जी

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टेढ़ागाछ/किशनगंज/विजय कुमार साह

टेढ़ागाछ प्रखंड अंतर्गत चरघरिया झाला में आयोजित संतमत सत्संग के 15 वाँ जिला वार्षिक अधिवेशन में रविवार को सत्संग में सत्संगियों व श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में पहुँचकर आध्यत्मिक प्रवचनों का लाभ उठाया। इस अवसर पर संत सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के शिष्य स्वामी व्यासानन्द जी महाराज व अन्य साधु महात्माओं एवं विद्वानों के प्रवचन-भजन से सत्संगियों ने आध्यात्मिक ज्ञान का लाभ उठाया।

सत्संग सभा को संबोधित करते हुए स्वामी व्यासानन्द जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि ‘साधन धाम मोक्ष कर द्वारा’ इस शरीर में रह कर साधन कर सकते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं। सत्संग भजन के बिना मानव एवं दानव में कोई अंतर नहीं है।सत्संगियों को हमेशा सदाचार का पालन करते हुए सतगुरु का ध्यान करना चाहिए।नियमित ध्यान योग से आध्यत्मिक शक्ति मिलती है और सतगुरु के दया दृष्टि मात्र से संसार के सभी जीवों का कल्याण होता है।मनुष्य को गुरुशरण में जाना जरूरी है और सच्चे गुरु ही सही दिशा निर्देश करते है।

मानव को सदाचार का पालन करना तथा पांच पापों से दूर रहना चाहिए।जो पांच पापों का त्याग करते हैं,वही सच्चा सत्संगी तथा गुरु भक्त हो सकते हैं।इस सत्संग अधिवेशन स्थल में बनी पंडाल श्रद्धालुओं की जुटी अपार भीड़ से भर गया था।सत्संग स्थल की व्यवस्था व्यापक रूप से की गई थी। सांध्यकालीन सत्संग के साथ ही दो दिवसीय संतमत सत्संग का आयोजन भक्तिमय वातावरण में सम्पन्न हो गया।

इस अधिवेशन में व्यासानन्द जी महाराज व अन्य साधु महात्माओं ने श्रद्धालुओं को अपने अमृत वजनों से आध्यत्मिक ज्ञान का दान किया।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त ग्रामीण व सत्संग प्रेमी जूट रहे।इस अवसर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टेढ़ागाछ के चिकित्सा प्रभारी डॉ०प्रमोद कुमार अपनी टीम के साथ सेवा में लगे हुए थे।

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सत्संगियों को सदाचार का पालन करते हुए सतगुरु का ध्यान करने से आध्यत्मिक शक्ति मिलती है : व्यासानन्द जी