किशनगंज/ प्रतिनिधि अखिल विश्व गायत्री परिवार शान्तिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में रविवार को प्रखण्ड ठाकुरगंज के प्रज्ञापीठ में जिला संयोजक सौरभ कुमार के अध्यक्षता में गोष्ठी आहूत की गयी । उक्त गोष्ठी में मुख्य ट्रस्टी सुदामा राय सहायक ट्रस्टी मिक़्क़ी साहा व सक्रिय गायत्री परिजन मौजूद थे । कार्यक्रम का शुभारंभ जन जन का मंत्र गायत्री महामंत्र के साथ आरंभ हुआ । युवा दिवस पर गायत्री परिजनों ने 163 वीं जयंती के मौके पर स्वामी विवेकानंद के प्रतिमा पर नमन कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
जिला संयोजक सौरभ कुमार ने कहा कि आज का युवा कैसा हो । युवा वो जो थकता नहीं,चुनौतियों से डरता नहीं।’आज हम एक ऐसे महान व्यक्तित्व की बात कर रहे हैं, जो न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं। जिन्हें पूरी दुनिया स्वामी विवेकानंद के नाम से जानती है। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि किसी भी राष्ट्र का युवा जागरूक और अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित हो, तो वह देश किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है. उसके उपरांत गोष्ठी में ज्योति कलश यात्रा पर चर्चा परिचर्चा किया गया ।
जिले में ज्योति कलश यात्रा को लेकर तैयारी जोरों से चल रहा है । सहायक ट्रस्टी मक्की साहा ने कहा कि प्रखण्ड ठाकुरगंज में प्रज्ञापीठ से ज्योति कलश यात्रा प्रारंभ होगा । इस निमित क्षेत्र में स्थानीय एवं सक्रिय परिजनों के सहयोग से भव्य ज्योति कलश यात्रा निकाला जाएगा । यात्रा को लेकर रुट चार्ट तैयार कर सभी गावँ गावँ ओर घर घर तक ज्योति कलश का दर्शन हो इसके लिये सभी ब्लॉक में सक्रिय परिजनों के साथ गोष्ठी किया जा रहा है ।
ज्योति कलश यात्रा के दौरान क्षेत्र में व्यक्तिगत और सामूहिक अनुष्ठान यज्ञ दीपयज्ञ और संस्कारों के आयोजन किए जा रहे हैं।मुख्य ट्रस्टी सुदामा राय ने बताया की ज्योति कलश यात्रा को लेकर परिजनों में काफी उत्साह है । ज्योति कलश का दिव्य दर्शन जन जन तक पहुंचे इसकी व्यवस्था बनाई जा रही है । भविष्य और युग परिवर्तन के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है। गायत्री परिवार के अनुसार, यात्रा का उद्देश्य वर्तमान समय में फैले अंधकार को दूर करना और वैश्विक चेतना में प्रकाश का संचार करना है। इस अवसर पर भागवत प्रसाद उग्रकांत सिंह ब्रजेश चन्द्र रोशन मुरारी साह विनोद कुमार साह विमल पोद्दार प्रदीप भट्टाचार्य अरुण कुमार आमोद प्रसाद कृष्ण प्रसाद कर्मकार स्वीटी देवी मामुनि दास मीना देवी समस्त गायत्री परिजन मौजूद थे ।