उपद्रव की वजह से व्यापार पर पड़ा है बड़ा असर
भारत में शरण चाहते है बांग्लादेशी हिंदू समुदाय के नागरिक
बॉर्डर में चप्पे चप्पे पर की गई है सुरक्षा बलो की तैनाती
उत्तर बंगाल फ्रंटियर ने 04 बीएसएफ सेक्टरों के तहत कुल 18 बीएसएफ बटालियन तैनात
भारत-बांग्लादेश सीमा (आईबीबी) पर मौजूदा स्थिति पर नजर रखने के लिए सरकार ने समिति का किया गठन :गृह मंत्री
रिपोर्ट /राजेश दुबे
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है ।बावजूद इसके अलग अलग इलाकों में हिंसा का दौर जारी है ।जिसे देखते हुए भारत बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल द्वारा जवानों की संख्या में बढ़ोतरी कर दी गई है ।बीएसएफ के वरीय अधिकारी लगातार सीमा पर नजर बनाए हुए है। अधिकारियों द्वारा अलग अलग क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है ।गौरतलब हो की भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा 4,096 किलोमीटर तक फैली हुई है, जिसमें से 936.415 किलोमीटर बीएसएफ के उत्तरी बंगाल फ्रंटियर के अधिकार क्षेत्र में है, जो दक्षिण दिनाजपुर जिले से कूचबिहार जिले तक पश्चिम बंगाल के 05 जिलों तक फैली हुई है।

उत्तर बंगाल फ्रंटियर ने 04 बीएसएफ सेक्टरों के तहत कुल 18 बीएसएफ बटालियन तैनात की हैं, जो सभी अब हाई अलर्ट पर हैं।किशनगंज जिले से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर बंगाल के ग्वाल पोखर थाना क्षेत्र अंतर्गत अलग अलग बीओपी यथा तीनगांव, नागोर भीटा, घोष पाड़ा सहित अन्य बीओपी पर जवानों की अतिरिक्त तैनाती की गई है ।
मिली जानकारी के मुताबिक बीते 5 अगस्त के बाद नॉर्थ बंगाल फ्रंटियर के अधीन आने वाले कई बीओपी पर बांग्लादेशी नागरिकों का अचानक ही जमावड़ा हो गया था, जो की हिंसा के डर से भारत में शरण लेना चाहते थे, जिन्हे समझा बुझा कर वापस जवानों द्वारा बांग्लादेश भेजा गया है। इधर सीमावर्ती इलाके के ग्रामीणों में बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए पेसानी पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही है।

शुक्रवार को सीमा क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया की उनकी जमीन सीमा क्षेत्र में है और जब वो अपनी जमीन पर खेती करने जाते है तो बांग्लादेशी नागरिकों से भी बात होती है ।ग्वालपोखर थाना क्षेत्र स्थित चकला गढ़ गांव के ग्रामीण श्यामल कुमार पाल,नीम लाल पाल ने बताया की बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग काफी डरे सहमे हुए है ।
जिसकी वजह से वो भारत में शरण लेना चाहते है ।लेकिन तारबंदी और बीएसएफ की मौजूदगी के कारण भारत में प्रवेश नहीं कर पाते,भारत में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया की उन्हे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है और बीएसएफ उन्हे काफी सहयोग करती है।लेकिन आज बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है जिससे हम सभी चिंतित है क्योंकि वो भी हमारे भाई ही है ।
श्यामल कुमार पाल ने बताया की बांग्लादेश में रहने वाले अधिकांश हिंदू समुदाय के लोग आवामी लीग के समर्थक है और शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद हिंदू समुदाय के घरों में आग लगाया जा रहा है ,उनकी हत्या की जा रही है ।ग्रामीण नोनी गोपाल ने बताया की बांग्लादेश की स्थिति भयावह है और इसके कारण व्यापार पर भी असर पड़ा है ।
भारत बांग्लादेश के बीच कपड़ा,मछली,अनाज ,सब्जी सहित अन्य सामानों का आयात निर्यात होता है ।ग्रामीणों ने बताया की दोनो देशों के बीच करोड़ो रुपए का कारोबार होता है भारत के द्वारा सभी,फल आदि भेजें जाते है लेकिन इस उथल पुथल के कारण कारोबार ठप हो चुका है। ग्रामीणों ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तुरंत हस्तक्षेप करते हुए बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को सुनिश्चित करवाना चाहिए साथ ही शांति बहाली और व्यापार को लेकर ठोस कदम उठाना चाहिए ।