‘बाल हृदय योजना’ कार्यक्रम बच्चो के लिए वरदान : जिला पदाधिकारी
किशनगंज /प्रतिनिधि
परिवार की खुशियां बच्चों से ही होती है। अक्सर माता पिता बच्चों की खुशी के लिए अपने सामर्थ्य से अधिक कर गुजरते हैं। लेकिन, जब बच्चों पर मुसीबत होती है या उनको कोई गंभीर बीमारी होती, तब उनकी नींद उड़ जाती है। ऐसा ही हाल जिले के कोचाधामन प्रखंड के निवासी 13 वर्षीय दिलनवाज आलम एवं 11 वर्षीय रियाज आलम का हुआ था। जब उनके अभिभावक को पता चला कि उनके बेटे के दिल में छेद है। जिसके कारण वो अक्सर बीमार रहता था। दिल की बीमारी की खबर को सुनकर उनके परिवार के सदस्यों की नींद ही उड़ गई। मध्यम परिवार से होने के कारण इस गंभीर बीमारी का वो अब तक इलाज नहीं करा पाए थे। लेकिन उन्हें बाल हृदय योजना की जानकारी मिली, तब उन्होंने अपने बेटे का इलाज कराने की ठानी।
बीमारी के कारण छूट गई थी बच्चों की पढ़ाई :
दोनों बच्चे के अभिभावक (मो कमल एवं मुनाजिर आलम )बताते हैं उनके बेटे बचपन से ही बीमार रहता था। सर्दी, खांसी, निमोनिया, बुखार आदि से हमेशा ग्रसित रहता था। कई वर्षो से पटना समेत कई संस्थानों में इलाज के बाद भी बीमारी पकड़ में नहीं आ रही थी। तब चिकित्सकों ने उन्हें इको कराने की सलाह दी। जिसके बाद रिपोर्ट में दिल में छेद होने की बात सामने आई। इस बीच उसकी पढ़ाई भी छूट गई। वहीं, परिजन लगातार चिंतित रहने लगे। लेकिन, जब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना (आरबीएसके) की टीम ने उनसे संपर्क कर उन्हें दिल की बीमारी से जुड़े इलाज के संबंध में जानकारी दी, तो उनको उम्मीद की किरण दिखी और वे दोनों बच्चे इलाज के लिए मान गए।
ऑपरेशन के बाद बच्चो का बढ़ा आत्मबल :
दोनों बच्चे के अभिभावक (मो कमल एवं मुनाजिर आलम )बताते हैं की ‘दिल में छेद का ऑपरेशन मई माह में ही हुआ है । ऑपरेशन कराकर लौटने के बाद अब मेरा आत्मबल भी बढ़ा है। इस बीमारी के कारण परिजन काफी दिनों से चिंतित रहने लगे थे। लेकिन, अब हालात सुधरने लगे हैं। वही बच्चे 13 वर्षीय दिलनवाज आलम एवं 11 वर्षीय रियाज आलम ने बताया की साथ पढ़ने वाले बच्चे अब सीनियर हो गए हैं। लेकिन, फिर से नया जीवन मिलने के बाद, अब मैं फिर से अपनी पढाई पूरी करूंगा और परिवार का नाम रौशन करूंगा।
‘बाल हृदय योजना’ कार्यक्रम बच्चो के लिए वरदान – जिलापदाधिकारी
जिला पदाधिकारी श्री तुषार सिंगला ने बच्चो को अपनी शुभकामनाये देते हुए कहा की जिले में दिल की बीमारी से ग्रसित बच्चों के माता पिता को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। उनके बच्चे के दिल की बीमारियों का इलाज अब राज्य सरकार के द्वारा नि:शुल्क कराया जा रहा है। जिसके लिए राज्य सरकार बाल हृदय योजना का संचालन कर रही है।