पौआखाली /किशनगंज/रणविजय
ठाकुरगंज प्रखंड के बंदरझूला पंचायत के कोहिया गांव में नेपाल के जंगलों से आए हाथियों के एक झुंड ने किसान किरण लाल सिंह, लाल मोहम्मद, सैफुद्दीन सहित दो अन्य किसानों के करीब चार एकड़ भूभाग में लगे मक्का फसल को रौंदकर बर्बाद कर दिया है। हाथियों के इस उत्पात से गरीब किसानों को हजारों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंची है। ऋण कर्जा लेकर फसल उत्पादन में खून पसीना बहाने वाले मक्का किसान बिलकुल ही दुःखी और मायूस अवस्था में है।
बताया गया है कि बुधवार और गुरुवार की रात हाथियों का झुंड भारतीय सीमा के अंदर प्रवेश करते हुए भोजन की तलाश में जियापोखर थाना क्षेत्र में प्रवेश किया, जहां थाना क्षेत्र के कोहिया गांव स्थित मक्के की खेतों में जमकर उत्पात मचाया। किसानों ने हाथी के झुंड को तरह तरह के हथकंडे अपनाकर भगाने का प्रयास किया लेकिन हाथियों पर उनका कोई असर नहीं हुआ। अहले सुबह पौ फटते ही हाथी का झुंड पुनः नेपाल के जंगलों में लौट गए। उधर पीड़ित मक्का किसानों ने फसल क्षतिपूर्ति के मुआवजा राशि को लेकर जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। गौरतलब हो कि प्रत्येक साल कोहिया डोरिया गांव में हाथियों के द्वारा उत्पात मचाया जाता है जहां कच्चे मकान को भी हाथी निशाना बनाते हैं। जंगली हाथियों के चपेट में आकर कई लोगों को इस इलाके में जान तक गंवानी पड़ी है। मक्का फसल के समय हाथियों के प्रवेश से इलाके के लोग दहशत में रहते हैं। जियापोखर कद्दूभिट्ठा मुख्य सड़क के किनारे लगे फसल को खाने के दौरान हाथियों का झुंड सड़क को पार करते हैं जिस कारण रात्रि पहर राहगीर हो या फिर पुलिस गश्त में शामिल पदाधिकारी और जवान सबको इनसे खतरा महसूस होने लगता है।
फिलहाल वन विभाग द्वारा हाथियों के भारतीय सीमा में प्रवेश को ठोस तरीके से रोक पाने के उपाय में असफल हो जा रहे हैं। खुली सीमा के कारण नेपाल क्षेत्र के जंगलों से हाथियों का झुंड पिछले कई दशकों से दिघलबैंक और ठाकुरगंज के सीमावर्ती गांवों को अपना निशाना बनाए हुए है। जिसे रोक पाना वन विभाग के लिए अबतक चुनौती का विषय है। वहीं जियापोखर पुलिस भी हाथियों के प्रवेश और उनकी गतिविधियों पर निगरानी बनाए रखने हेतु थानाक्षेत्र में लगातार गश्त करते रहते हैं।