किशनगंज /रणविजय
किशनगंज जिला पुलिस बल में तैनात जाबांज और तेज तर्रार पुलिस पदाधिकारी वर्तमान में एएलटीएफ प्रभारी संजय कुमार यादव आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। अपने चिर परिचित अंदाज और कुशल कार्यशैली एवम बहादुरी के बदौलत लोगों के दिलों पर राज करने वाले यह पुलिस पदाधिकारी पुलिस की छवि आमजन के बीच बेहतर तरीके से गढ़ने एवम प्रभावशाली बनाने में ईमानदारी पूर्वक मेहनत लगन के साथ निर्भीकता पूर्वक कर्तव्यपरायण होकर सेवा प्रदान करने में 24 घंटे तत्पर रहते हैं।
बताते चलें कि भागलपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे संजय यादव बहुत ही कम उम्र में ही अपने बहादुरी और दिलेरी भरे कारनामे से चर्चा के केंद्र में आ गए थें। दरअसल आज से 28 वर्ष पूर्व एक आभूषण दुकान में डाकेजनी के बाद भाग रहे अपराधियों में से दो अपराधियों को इन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर अदम्य साहस के बल पर खदेड़कर पकड़ लिया था।
उस वक्त संजय यादव की दिलेरी और बहादुरी को देखते हुए भागलपुर के तत्कालीन एसपी रहे 1987 बैच के बिहार कैडर आईपीएस अधिकारी ए एस राजन काफी प्रभावित हुए और इन्हे सिपाही की वर्दी टोपी पहनाकर पुलिसबल में शामिल कर लिया। और तबसे संजय कुमार यादव अपने फर्ज के प्रति एक खास जुनून साथ लिए सिपाही से एएसआई तक 28 वर्षों का लंबा सफर तय कर वर्तमान समय में सब इंस्पेक्टर के पद पर प्रोन्नत होकर एक नई ऊर्जा के साथ नई जिम्मेदारी संभालने को तत्पर हैं। संजय यादव बताते हैं कि प्रोन्नती प्राप्ति उपरांत आईजी पूर्णिया और एसपी किशनगंज जब उनके कंधे पर स्टार बैच लगाकर उन्हें सम्मानित कर रहे थें वह क्षण उनके जीवन में गर्व से भरा अविस्मरणीय पल था, जिनकी उन्हें वर्षों से प्रतीक्षा थी। सब इंस्पेक्टर संजय यादव की महत्ता इस बात से भी लगाई जा सकती है कि किशनगंज टाउन थाना से पौआखाली थाने में तबादले के बाद उनकी आवश्यकता पुनः किशनगंज टाउन थाने को महसूस होने लगी थी, और यही कारण था कि एसपी डॉ इनामुल हक मेंगनू ने उन्हें दोबारा किशनगंज टाउन थाने में पदस्थापित करते हुए एएलटीएफ प्रभारी नियुक्त किया। जिसके बाद तो अपने नाम और काम के बदौलत जाने जाने वाले संजय यादव ने शहर में नशा के कारोबारियों में कहर व कोहराम मचा दिया।सैकड़ों लीटर देसी विदेशी शराब, स्मैक, गांजा जैसे मादक पदार्थों के साथ दर्जनों दर्जन इसके कारोबारी और नशेरियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजने में वह कामयाब रहा। इतना ही नहीं अन्य विभिन्न थानों के विभिन्न कांडों में शामिल मोस्टवांटेड अपराधियों की धड़पकर में भी इनकी महती भूमिका रही। चाहे रमजान नदी में छलांग लगाकर देसी कट्टा बरामद करने का मामला हो या फिर खरखड़ी महानंदा घाट में छलांग लगाकर पानी में तैरते हुए खदेड़कर वांछित आरोपी को पकड़ने का सनानीखेज मामला हो या फिर जमीन खोदकर तहखाने से शराब एवम अन्य नशीली पदार्थों की बरामदगी का मामला हो सभी कार्य प्रशंसनीय और जगजाहिर रहा है।
यही वजह है कि वे एसपी और आईजी से उत्कृष्ट सेवा के लिए कई बार प्रशस्ति पत्र नकद राशि से भी सम्मानित किए गए हैं। जानकारी के अनुसार जीवन रक्षक पदक के लिए भी गृह मंत्रालय को अनुशंसा कर पत्र भेजा गया है। ध्यातव्य हो कि इनके द्वारा अलग अलग सड़क दुर्घटनाओ में घायलों की जान बचाने में तत्परता दिखाई गई है जो उल्लेखित है और प्रशंसनीय भी। ज्ञात है कि इन्होंने किशनगंज शहर में एक सेफ्टी टंकी में उतरकर एक बच्चे की जान बचाई थी।
इसी कर्तव्यनिष्ठा ईमानदारी दिलेरी बहादुरी के कारण सब इंस्पेक्टर संजय यादव सोशल मीडिया में भी अपने प्रशंसकों के बीच हमेशा चर्चित बने रहते हैं। संजय यादव इनदिनों अपने फैंस के बीच द रियल सिंघम के नाम से भी मशहूर हैं। संजय यादव कहते हैं कि जनता में पुलिस की साफ सुथरी छवि गढ़ने में तथा अपराधियों में कानून का खौफ पैदा करने के लिए वे सतत प्रयासरत हैं। उन्होंने अपनी कामयाबी एवम जनता के बीच बेहतर पुलिसिंग और संवाद स्थापित कर पाने का श्रेय एसपी डॉ इनामुल हक मेंगनु को देते हुए उनका आभार व्यक्त किया है।