किशनगंज /प्रतिनिधि
रचना भवन में पुलिस के द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहा पुलिस अधीक्षक के द्वारा अनुसंधानकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया ।पुलिस अधीक्षक डॉ इनामुल हक मेंगनु ने कहा की अनुसंधान कर्ता बेहतर तरीके से अनुसंधान करेंगे तो कांड के जो भी दोषी होंगे उन्हें समय पर सजा मिल सकेगी।साथ ही जो निर्दोष होंगे वे बेवजह परेशान नहीं होंगे।
एसपी ने बारी बारी से अनुसंधानकर्ता के साथ विभिन्न कांडों के बारे में जानकारी ली और पूछा की अनुसंधान में कहां दिक्कतें आ रही है।एसपी डॉक्टर मेगनु ने वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान पर विशेष जोर देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि केस के अनुसंधानकर्ता अनुसंधान के दौरान स्थल पर अवश्य जाएं।ताकि निर्दोष न फंसे और दोषियों को सजा दिलायी जा सके।कुछ मामलों में केस के अनुसंधानकर्ता स्थल पर नहीं जाते हैं।
उन्होंने कहा की ऐसा कतई न करें।एसपी ने अनुसंधानकर्ताओं से कहा कि कांडों के सुपरविजन के दौरान कई बार ऐसे भी मामले सामने आए है।जिसमें यह पाया गया है कि दुष्कर्म, दहेज उत्पीड़न जैसे केसों में जो आरोपी नहीं होते है या जो घटना के दिन स्थल पर नहीं रहते है।दूसरे शहरों में रहते हैं।उनका भी नाम केस में अंकित हो जाता है।इससे बेवजह लोगों को परेशान होना पड़ता है।
एसपी ने कहा कि आप स्थल जाकर जमीनी स्तर से अनुसंधान करेंगे तो इस प्रकार की समस्याएं नहीं आएगी।अनुसंधानकर्ता का अच्छे से किया गया अनुसंधान दोषी को समय पर सजा दिलवा सकता है और जो केवल दोषी होंगे उन्हें ही सजा मिल सकेगी।
साथ ही यह भी निर्देश दिया कि बिना कारण कांडो को लंबित न रखें। ताकि समय पर आरोपपत्र न्यायालय में समर्पित हो सके। इससे संबंधित कांड के आरोपी को सजा दिलवायी जा सके।प्रशिक्षण मंगलवार को दो शिफ्टों में आयोजित की गई।इससे पूर्व सोमवार को भी एसपी की मौजूदगी में प्रशिक्षण दिया गया था।