“फूल लागबे की ” आवाज़ को कोरोना ने कर दिया गुम

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राजेश दुबे

खुशबू और खूबसूरती की तिज़ारत करने वाले किसानों एवं विक्रेताओं की जिंदगी इन दिनों बेनूर हो गई है . कोरोना महामारी ने इनकी जिंदगी को सड़क पर ला दिया है ।सावन के महीने का कभी इन फूल की खेती करने वालो और विक्रेताओं को इंतजार रहता था ।

खेतों में पड़े फूल बर्बादी की अनकही दास्तां लिख रहे है । फूल की खेती कर अपनी जीविका चला रहे किसान लॉकडाउन की वजह से घरों में लॉक हैं और ना चाहते हुए भी उन्हें अपने बर्बादी का मंजर देखना पड़ रहा है।मालूम हो कि जिले से सटे बंगाल के कानकी , सूर्यकमल सहित पूर्णिया के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर फूल की खेती होती है ।कई 

किसानों ने इस बार अपनी पुश्तैनी खेती को छोड़कर फूलों की खेती की.यह सोचकर की बड़ा मुनाफा शायद उनकी तंगहाली को दूर कर देगी मगर कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन ने उनकी सोच पर पानी फेर दिया.इनके फूल खेतो में सूख गए. कानकी  में लगभग बीस एकड़ जमीन युवा बापन ने किराए पर लेकर गेंदे के फूलों की खेती की

खेतो में जब फूल अच्छे से तैयार हो गया.तब कोरोना वायरस जैसी महामारी और उसकी रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन ने सबकुछ तबाहो बर्बाद कर दिया.खेत में लगे फूल सुख गए ।

ऐसा नही है कि सिर्फ बापन ही इस परेशानियों का सामना कर रहे है बल्कि इस व्यवसाय से जुड़े रतन की भी कमोबेश यही कहानी है.रतन को अब ये चिंता सता रही है कि किराए पर ली गई जमीन का किराया कैसे चुकाएंगे । जमींदार और महाजन से खेती के लिए पैसों को कैसे चुकाएंगें.बकौल रतन शादी-विवाह और दूसरे त्योहारों में सजावट के लिए गेंदे के फूल कोलकाता से मंगवाए जाते थे.और इसी मुनाफा को देखते हुए उन्होंने फूल की खेती की.

लॉक डाउन के दौरान लगाई गई पाबंदी ने शादी-विवाह,मंदिर और धार्मिक अनुष्ठानों पर भी रोक लगा दी और ना चाहते हुए भी उन्हें नुकसान सहना पड़ रहा है।शहर के कई ऐसे फूल विक्रेता जो की शादी विवाह समारोह सहित अन्य कार्यक्रमों में सजावट करते थे उनकी जिंदगी खस्ताहाल हो चुकी है ।

वहीं बंगाल से सैकड़ों की संख्या में हर दिन फूल लेकर शहर के चौक चौराहों पर बैठ कर बेचने वाली महिलाएं भी भुखमरी की कगार पर है । “फूल लागबे की ” आवाज़ सुबह सुबह देने वाली महिलाओं कि आवाज़ कोरोना  ने छीन ली है । महामारी का प्रकोप कब समाप्त हो इसी आस में ये महिलाएं टुकुर टुकुर आसमान की ओर निहारती दिख जाएंगी 

“फूल लागबे की ” आवाज़ को कोरोना ने कर दिया गुम

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