बिहार /डेस्क
देश में विकराल रूप से हो रहे जनसंख्या वृद्वि एवं जनसांख्यकीय असंतुलन से उत्पन्न हो रहे सामाजिक आर्थिक और पर्यावरणीय संकट को रोकने हेतु देश मे एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग को लेकर जनसंख्या समाधान फाउंडेशन सुपौल जिला इकाई द्वारा प्रधानमंत्री के नाम सुपौल जिला पदधिकारी कौशल कुमार को 11सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन सौंपा।
उक्त जानकारी मांग पत्र सौपें जाने के उपरांत फाउंडेशन के जिला अध्यक्ष सुमन झा एवं प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार प्रदेश सचिव संजीव भगत, जिला संरक्षक सुरेश यादव सुमन एवं सुमनचन्द्र सिंह ने सयुंक्तरूप से देते हुए कहा है कि सौपें गए पत्र में जनसँख्या नियंत्रण कानून शीघ्र बनाकर जाति धर्म से उपर उठकर देश के हित में कानून समान रूप से सभी नागरिकों पर लागू करने कानून के सभी दंडात्मक प्रावधान कानून के अधिसूचित तिथि के एक बर्ष के भीतर तीसरे बच्चे उतपन्न करने वाले माता पिता पर लागु करने के साथ तीसरी संतान उतपन्न करने वाले दम्पति को सभी सरकारी अनुदान, सब्सिडी आदि से तत्प्रभाव से समाप्त कर राजकीय सेवा से भी वंचित किया जाय।

कानून तोड़ कर तीसरा संतान उतपत्ति करने वाले माता पिता को मताधिकार से भी वंचित करने कानून एक बार उल्लंघन के बाद दुबारा उल्लंघन कर चौथी संतान उतपत्ति की स्तिथि में 10 वर्ष कारावास की सजा देने जाती धर्म सम्प्रदाय से ऊपर उठकर यह प्रावधान रहे कि दो जीवित संतान होने की स्तिथि में तलाक होने पर स्त्री या पुरुष कोई भी दूसरी शादी के बाद सन्तानोत्पती के अधिकार वंचित किये जाने की बात कही गयी है।
फाउंडेशन के नेताओं नेकहा कि असंतुलित हो रही जनसंख्या आज अनेकों गम्भीर समस्या उत्पन्न हो चुकी इसके विस्फोटक स्वरूप को रोकना नितांत आवश्यक है। इसको लागू करने मेंअगर आवश्यक हो तो संविधान में उपयुक्त संशोधन किया जाए।फाउंडेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री कुमार ने कहा किएक कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किये बिना स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत साक्षर भारत, सशक्त,समृद्ध सुरक्षित और स्वावलम्बी भारत के साथ साथ भ्र्ष्टाचार ओर अपराध मुक्त भारत अर्थात आत्म निर्भर भारत का निर्माण मुश्किल ही नही नामुमकिन है। इस मौके पर शिवजी कुमार, आदित्य कौशिक, नवीन कुमार, आलोक कुमार, रंजीत झा, बसंत कुमार सहित फाउंडेशन के अनेकों सदस्य मौजूद थे।