बिहार : पूर्णिया का एक गांव ,फुटबॉल का ब्राजील

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

राजेश दुबे

पूर्णिया में एक गांव ऐसा है जहाँ के हर घर में कम से कम एक फुटबॉल के खिलाड़ी आपको जरूर मिल जायेंगे।यहाँ के लोगो में फुटबाल के प्रति ऐसी दीवानगी है आप भी हैरत में पड़ जाएंगे।अहले सुबह यहां के लड़कों की दिनचर्या दौड़ से शुरू होती है ।

फिर शाम होते ही फुटबॉल की ट्रेनिंग में ये मशगुल हो जाते है । इन सब के पीछे इनका मकसद खुद का और अपने गावं का नाम रोशन करना है।


पूर्णिया शहर से तीन किलोमीटर की दूरी पर बसा है झील टोला यहां के युवाओं और बच्चों में फूटबाल के प्रति ऐसी दीवानगी है कि लोग इस गांव को पूर्णिया का ब्राजील कहते हैं।इस गांव के कई फुटबॉल खिलाड़ी ना सिर्फ बिहार बल्कि देश का भी प्रतिनिधित्व कर चुके है।


लगभग दो सौ की आबादी वाले इस गांव में अधिकाँश आदिवासी समाज के लोग रहते है ।1980 के दशक में गांव के कुछ लोगो ने सरना फुटबॉल क्लब का गठन किया।और पिछले 40 साल से हर बच्चा फूटबाल को लेकर दीवाना है।


गांव के लोग और फुटबाल खिलाडी बताते है कि सरकार के तरफ से इन्हें कोई मदद नहीं मिल पाती है ।जिसके चलते बहुत से होनहार खिलाड़ी जहीन मुकाम हासिल नहीं कर पाते है । गावं के सहयोग से इनका क्लब चलता है और खिलाड़ी इस खेल को आगे बढ़ा रहे है।


फुटबॉल के विश्व कप को लेकर दीवानगी पुरे विश्व में है मगर फुटबाल के प्रति इनकी दीवानगी पर सरकार अपना करम कब बरसायेगी इन्हें इस बात का आज तक इन्तजार है ।

बिहार : पूर्णिया का एक गांव ,फुटबॉल का ब्राजील

error: Content is protected !!