कैमूर बाघ अभ्यारण और वन सेंचुरी के खिलाफ हुआ विरोध प्रदर्शन, डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

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कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):

बाघ अभ्यारण और वन सेंचुरी के खिलाफ कैमूर मुक्ति मोर्चा ने जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया। कैमूर मुक्ति मोर्चा के तत्वाधान में इसकी शुरुआत 26 मार्च को अधौरा के बिरसा मुंडा स्मारक से शुरू हुई थी। पदयात्रा के अंतिम दिन शहर में जुलूस और जिला मुख्यालय पर आकर धरना प्रदर्शन किया गया।धरना प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक लिया। जिसके बाद तीखी नोकझोंक भी हुई। सभा की शुरुआत क्रांतिकारी गीत ले मशाले चल पड़े हैं से हुई।

कैमूर मुक्ति मोर्चा के सचिव राज लाल सिंह खरवार,खेत मजदूर किसान सभा के अशोक बैठा, मजदूर संघर्ष समिति से बच्चा सिंह,मेहनत महिला संघर्ष समिति से सुमित्रा मुर्मू,भगत सिंह, छात्र मोर्चा से आकांक्षा आजाद,ट्रेड यूनियन के नेता एसपी राय, अधौरा के जिला परिषद राजू सिंह खरवार आदि वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता कैमूर मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य पारीक सिंह खरवार ने किया। जबकि संचालन विनोद शंकर ने किया।

सभा को संबोधित करते हुए सचिव राज लाल सिंह खरवार ने कहा कि हम सरकार के इस विनाशकारी परियोजना बाघ अभ्यारण को किसी भी हाल में जमीन पर उतरने नहीं देंगे। हम सरकार को चेतावनी देने आए हैं कि वह पठार से बाघ अभ्यारण और वन सेंचुरी को तत्काल खत्म करें नहीं तो हम एक बड़ा जन आंदोलन करेंगे। पेशा कानून वन अधिकार कानून 2006 को लागू करने की भी मांग की गई।बाहर से आंदोलन में आए सभी संगठनों के लोगो ने इस आंदोलन में हरसंभव समर्थन देने की बात कही। आखिर में मुख्यमंत्री के नाम से जिला पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें मुख्य तौर पर बाघ अभ्यारण को हटाने और आदिवासियों के सभी वनाधिकार कानूनों को लागू करने और पुलिसिया दमन बंद करने की मांग की गई।
















कैमूर बाघ अभ्यारण और वन सेंचुरी के खिलाफ हुआ विरोध प्रदर्शन, डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन