कुष्ठ रोगी की देखभाल के लिए ओपीडी की स्थापना
-देखभाल रोगियों को विकृति से बचा सकता है
-कीटाणु जनित रोग है कुष्ठ, इलाज संभव
किशनगंज /प्रतिनिधि
कुष्ठ अब लाइलाज नहीं रह गया है। इसके आरंभिक लक्षणों को देखते हुए समय पर चिकित्सा आरंभ कर दिये जाने से इससे बचा जा सकता है। लेकिन कुष्ठ रोगियों को समाज से मिले तिरस्कार के कारण अधिकांश कुष्ठ रोगी इसे बताने या चिकित्सा कराने से बचना चाहते हैं। जिससे यह गंभीर अवस्था में आकर विकलांगता की स्थिति में आ जाते हैं। कुष्ठ एक रोग है जो कीटाणुओं से होता है। यह कीटाणु जब हमारे शरीर में आते हैं तो मुख्य रूप से ये मरीज की त्वचा एवं तंत्रिका को प्रभावित करता है। जिससे त्वचा में दाग, सुन्नापन आ जाता है। इस हिस्सों पर पसीना नहीं आता है एवं उस स्थान के बाल झड़ जाते हैं। ऐसा कीटाणुओं द्वारा तंत्रिका को क्षतिग्रस्त कर देने से होता है।उक्त बाते अपल संस्था के द्वारा कदम रसूल के कुष्ठ कोलोनी में कुष्ठ रोगियों के लिए ओपी डी उद्घाटन के दौरान सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने कही । उद्घाटन समारोह में अपल संस्था के कर्मी उपस्थित थे।
कीटाणु जनित रोग है कुष्ठ, इलाज संभव-
सिविल सर्जन डॉ श्रीनंदन ने बताया इस प्रकार के लक्षण आगे चलकर हाथ की हथेलियों, पांव के तलवों में सूनापन का कारण बनाता है जिससे काम करने की क्षमता प्रभावित होती है और धीरे-धीरे हाथ एवं पैरों में सिकुड़न आने लगाता है। इस प्रकार इसके और भी कई प्रकार के लक्षण कुष्ठ रोगियों में आने वाले समय के साथ आने लगते हैं। जो आगे चलकर विकृति में परिणत हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में रोगियों के लिए स्व देखभाल की आवश्यकता पड़ती है। रोगियों को अपने रोग से संबंधित अवस्था एवं इसके विकृति से उत्पन्न समस्याओं के बारे में प्रशिक्षित किये जाने से रोगियों को अपनी देखभाल करना आसान हो जाएगा।
स्व देखभाल रोगियों को विकृति से बचा सकता है-
सिविल सर्जन डॉश्री नंदन ने कहा कुष्ठ रोगियों के लिए अपल संस्था के द्वारा सहयोग काफी लाभदायक है। जिसका उपयोग कर कुष्ठ रोगी विकृतियों से बच पायेंगे। देखभाल के साथ यहाँ कई प्रकार के आसान तरीकों के बारे में कुष्ठ रोगियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। जिससे उन्हें अपने शरीर के उन हिस्सों का समुचित देखभाल करने संबंधी जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण में दिये जाने वाले आवश्यक निदेशों के पालन कर जिले के कुष्ठ रोगी काफी लाभान्वित होंगे।