- तमाम एहतियाती उपायों के बावजूद बिहार पुलिस में कोरोना वायरस के संक्रमण बढ़ा
- सोमवार को संक्रमित पुलिसकर्मियों की संख्या 23 पहुंच गई
पटना. तमाम एहतियाती उपायों के बावजूद बिहार पुलिस में कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते दायरे ने महकमे में खलबली मचा दी है। सोमवार को संक्रमित पुलिसकर्मियों की संख्या 23 पहुंच गई। आलम यह है कि बीते 4 दिनों में ही कोरोना पीड़ित पुलिसकर्मियों के आंकड़े में दोगुनी से अधिक वृद्धि हो चुकी है। सिर्फ बीएमपी 14 (पटना) के ही 13 जवानों के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पाॅजिटिव आ चुका है। इनमें सोमवार को 8 जवानों के संक्रमित होने का पता चला। एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार के मुताबिक संक्रमितों के संपर्क चेन से जुड़े पुलिसकर्मियों की पहचान करके उनका कोरोना टेस्ट करवाया जा रहा है। इसी क्रम में बीएमपी 14 के दर्जनों (77 से अधिक) जवानों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ चुका है। संक्रमण के खतरे को देखते हुए हर स्तर पर सतर्कता बरतने के साथ ही बचाव को लेकर निर्धारित प्रोटोकाॅल का पालन किया जा रहा है।
बीएमपी : छुट्टी से लाैटने पर 14 दिनों का क्वारेंटाइन जरूरी
बीएमपी 14 में जवान के कोरोना से संक्रमित हाेने के बाद मुजफ्फरपुर के बीएमपी 6 कैंप में सतर्कता बढ़ा दी गई है। अब छुट्टी से लौटने वाले जवानों काे ड्यूटी पर तैनाती से पहले 14 दिनाें तक अनिवार्य रूप से क्वारेंटाइन सेंटर में रहना हाेगा। इसके लिए कैंप के भीतर ही 28-28 बेड वाले दाे क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। बीएमपी 6 के कमांडेंट शफीउल हक का कहना है कि छुट्टी से लौटने के बाद जवानों की स्क्रीनिंग होगी।
कोरोना की चपेट में पटना समेत पांच जिलों के पुलिसकर्मी
- जिला – संक्रमित पुलिसकर्मियों की संख्या
- पटना – 13 (बीएमपी-14 के जवान)
- कैमूर – 05 (1 एएसआई, 1 महिला सिपाही, 3 सिपाही)
- मधुबनी – 01 (महिला सिपाही)
- अररिया – 02 (सिपाही)
- पटना रेल जिला – 02 (1 एसआई व 1 सिपाही)
पंजाब और दिल्ली से दो स्पेशल ट्रेनों से मुजफ्फरपुर लाैटे 2584 प्रवासी मजदूर, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ीं धज्जियां
लगातार 7वें दिन सोमवार को भी प्रवासी श्रमिकों को लेकर दाे विशेष ट्रेनें मुजफ्फरपुर पहुंची। पंजाब के बठिंडा से आई ट्रेन से 1317 और दिल्ली से आई ट्रेन से 1214 कामगार आए। बठिंडा की ट्रेन सुबह 11:15 और दिल्ली की ट्रेन दोपहर बाद 2:20 बजे आई। जंक्शन पर जरूरी सरकारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद दूसरे जिलों के कामगारों काे वहीं से बस में बैठा गृह जिलों में भेज दिया गया। जंक्शन पर तो सभी की दूरी बनाकर जांच की गई पर बस पकड़ने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गईं।