वाराणसी से कोलकाता के लिए 760 किलोमीटर लंबी बिछेगी विश्व स्तरीय रेल लाइन
नालंदा और नवादा जिलों से होकर गुजरेगी बुलेट ट्रेन
नवादा /रामजी प्रसाद एवं कुमार विश्वास
नालंदा व नवादा जिलों से होकर बुलेट ट्रेन गुजरेगी वाराणसी से कोलकाता के लिए 760 किलोमीटर लंबी विश्वस्तरीय रेल लाइन बिछाने के बीच में इन दिनों जिला के करीब 200 गांव पड़ेंगे कहीं मेट्रो की तरह कहीं एलिवेटेड तो कहीं जमीन पर पटरी बिछाने की योजना है ।इसके लिए लीडर तकनीकी से सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है ।350 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन पर अधिकतम 750 सवारियों के बैठने की व्यवस्था होगी जबकि फर्स्ट क्लास एसी से दोगुना किराया लगेगा इसकी देखरेख नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड कर रही है ।इसकी वेबसाइट पर पूरी विवरणी प्रदर्शित की गई है
हालांकि सर्वे के बाद ही पता चल सकेगा कि इसका स्वरूप कैसा होगा। वाराणसी हावड़ा हाई स्पीड रेल बुलेट ट्रेन परियोजना एक प्रस्तावित हाई स्पीड रेल लाइन है ।यह लाइन वर्ष 2019 मैं भारत सरकार द्वारा नियोजित भाइयों स्पीड रेल कॉरिडोर की मूल सूची में शामिल नहीं है लेकिन केंद्र ने वाराणसी से हावड़ा को जोड़ने पर काम शुरू कर दिया है ।
इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट डीपीआर तैयार करने के लिए निविदा गतिविधियां दिसंबर 2020 में शुरू की गई थी निर्माण कार्य वर्ष 2030 के बाद ही शुरू होने की उम्मीद है इसके लिए अभी से ही तैयारी शुरू कर दी गई है वाराणसी से चलकर बुलेट ट्रेन बक्सर आरा पटना बिहार शरीफ नवादा धनबाद आसनसोल दुर्गापुर वर्धमान होते हुए हावड़ा पहुंचेगी प्रस्तावित वाराणसी कोलकाता हाई स्पीड रेल कॉरिडोर को प्रमुख एक्सप्रेस वे राष्ट्रीय राजमार्ग गोवा ग्रीन फील्ड क्षेत्रों के साथ साथ ले जाने की संभावना है।
और कॉरिडोर के साथ विभिन्न शहरों के बीच हाई स्पीड रेल कनेक्टिविटी के लिए मध्यवर्ती शहर सड़क नेटवर्क के मुख्य सड़कों से गुजर सकता है भारतीय रेलवे हेलीकॉप्टर के लिए जरिए लेजर युक्त उपकरण साथ लीडर तकनीकी का इस्तेमाल करता है। लीडर एक रिमोट सेंसिंग विधि पृथ्वी पर दूरी के मापने के लिए संपादित लेजर के रूप में प्रकाश का उपयोग करती है या प्रणाली 3D जानकारी लेने में सक्षम होती है लीडर उपकरण में एक स्केनर लेजर और एक जीपीएस रिसीवर होता है भारत में किसी भी रेल परियोजना के लिए पहली बार मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए हवाई लीडर सर्वेक्षण तकनीकी अपनाया गया था।