धर्म : भगवान शिव को प्रिय है सावन का महीना,भगवान शिव के आराधना से पूरी होती है मनोकामना ,25 जुलाई से शुरू हो रहा है सावन

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सावन में रुद्राभिषेक का है विशेष महत्व.


इस सावन पड़ेंगे चार सोमवार.

सजने लगे शिवालय.

26 जुलाई को पहला सोमवारी.

धर्म /डेस्क

पंचांग के अनुसार 24 जुलाई 2021 शनिवार को आषाढ़ मास का समापन हो रहा है. वहीं 25 जुलाई रविवार से श्रावण मास का आरंभ होगा. श्रावण मास को सावन का महीना भी कहा जाता है.हिन्दू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन माह को भगवान शंकर का माह माना जाता है.सनातन धर्म में सावन का बहुत अधिक महत्व है.श्रावण मास के हर दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना बढ़े ही धूमधाम से की जाती है.पौराणिक मान्यता के अनुसार सावन माह को भगवान भोलेनाथ को समर्पित है.

साल श्रावण माह शुरू होते ही यानी 25 जुलाई से 22 अगस्त तक सावन का माह पड़ेगा. जिसके साथ ही इस साल कुल 4 सोमवार पड़ रहे हैं.

शिव को समर्पित सावन माह का महत्व :


पुरोहित घनश्याम झा बतातें हैं कि हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार जब सनत कुमारों ने महादेव से उन्हें सावन माह प्रिय होने का कारण पूछा तो महादेव भगवान शिव ने बताया था कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था.अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमाचल और रानी मैना के घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया. पार्वती ने युवावस्था के सावन महीने में निराहार रह कर कठोर व्रत किया और उन्हें प्रसन्न कर विवाह किया, जिसके बाद ही महादेव के लिए यह विशेष हो गया.






मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी का भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती है. सावन मास में पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व और फलदायी बताया गया है. मान्यता है कि सावन मास में पूजा करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.


सावन में शिव की आराधना से पूरी होती है सभी मनोकामनाएं

सावन मास का विशेष महत्व माना गया है. सावन का माह देवों के देव महादेव को समर्पित होता है.दिघलबैंक दुर्गा मंदिर के पुजारी सरोज झा के अनुसार इस माह में विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.सावन के महीने के सोमवार का महत्व और भी अधिक होता है.इस माह में शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.


12 महीने में सावन का है विशेष महत्व :

सावन के महीने का बहुत अधिक महत्व माना गया है.
इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.ऐसी मान्यता है कि
इस माह में किए गए सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है,श्रावण शिव की पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है.

सावन में रुद्राभिषेक का है खास महत्व
रुद्राभिषेक का महत्व

शिवपुराण के रुद्र संहिता में सावन मास में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व बताया है. मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव भक्त की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं, साथ ही ग्रह जनित दोष और रोगों से भी मुक्ति देते हैं. माना जाता है कि रुद्राभिषेक का फल भक्त को तत्काल मिलता है. इससे घर की पुरानी बीमारियां और आर्थिक संकट दूर होता है. संतान सुख, वैभव और यश की प्राप्ति होती है.
रुद्राभिषेक के दौरान शिवलिंग पर यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी मंत्रों के साथ विशेष चीजें अर्पित की जाती हैं.मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं. साथ ही हर तरह का कष्ट और ग्रहों की पीड़ा दूर हो जाती है.

इस सावन चार सोमवार :
-पहला सोमवार- 26 जुलाई
-दूसरा सोमवार- 02 अगस्त
-तीसरा सोमवार- 09 अगस्त
-चौथा सोमवार- 16 अगस्त.






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