किशनगंज /विजय कुमार साह
टेढ़़ागाछ प्रखंड अंतर्गत कालपीर पंचायत व चिल्हनियाँ पंचायत स्थित दो पंचायत सरकार भवन करोड़ों रुपए की लागत से वर्षों से बन कर तैयार है। पर अभी केवल शोभा का वस्तु बना हुआ है। जिस कारण पंचायत के लोगों में सरकार व संमधित विभाग के प्रति गुस्सा है। लोग आशा लगाकर बैठे थे, कि हमलोगों को प्रखंड मुख्यालय व अंचल कार्यालय टेढ़़ागाछ अब छोटे-मोटे कामकाज के लिए अब नहीं जाना पड़ेगा तथा कनकई व रेतुआ नदी पार नहीं करना पड़ेगा ।
कागज पत्र के कामकाज को लेकर पंचायत वासियों को प्रखंड व अंचल कार्यालय से मुक्ति मिल जाएगी, पर पंचायत सरकार भवन बनकर तैयार हो जाने के पश्चात भी मुक्ति नहीं मिला जो पंचायत वासियों के लिए दुर्भाग्य है।एक आश जगी थी वो फिलहाल बुझता नजर आ रहा है।हमेशा पंचायत सरकार भवन में ताला लटका रहता है आम जनता का कोई कामकाज नहीं होता है।भूमि दाता पूर्व मुखिया चिल्हनियाँ पंचायत के मयानंद मंडल ने बताया कि अब पंचायत सरकार भवन से लोगों का मोह बिल्कुल भंग हो गया है।
कारण आज तक पंचायत सरकार भवनों में कोई सरकारी कामकाज का शुभारंभ तक नहीं हुआ।केवल शोभा का वस्तु बनकर रह गया है।सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना अब केवल कागज पर हीं सिमीत है।सरकार की योजना थी की पंचायत स्तर पर इस पंचायत सरकार भवन में सरकारी कर्मी सप्ताह में एक या दो दिन बैठकर पंचायत वासियों का छोटी-मोटी समस्याओं का निदान हो सकेगा व लोगों का भला होगा। लेकिन धरातल पर एसा आज तक कुछ नहीं हो पाया है।
मुखिया मयानंद मंडल ने बताया कि मैं अपना कीमती जमीन देकर मानों बहुत बड़ी गलती कर दी है।अफसोस भी हो रहा है कि लोग नदी नाला हेलकर अपना जरूरी कामकाज कराने को लेकर प्रखंड व अंचल कार्यालय का चक्कर लगाने को आज भी मजबूर हैं।पंचायत सरकार भवन कालपीर से प्रखंड व अंचल कार्यालय टेढ़़ागाछ की दूरी लगभग बीस किलोमीटर है ,वहीं बीच में कनकई नदी बहती है ।कालपीर पंचायत के समिति सदस्य विपत लाल मंडल व वार्ड सदस्य राजेश कुमार सरकार से अभी भी मांग करते हैं कि जल्द पंचायत सरकार भवन मे सरकारी कर्मचारियों की तैनाती हो जिससे कालपीर पंचायत वासियों का भाला हो सके तथा नदी नाला पार करने से मुक्ति मिल सकें ।एसा तारणहार की तलाश अब भी है।