किशनगंज :फर्जी निकला विशाल डागा अपहरण मामला, पुलिस ने सुलझाई कथित अपहरण की गुत्थी,विशाल डागा सहित तीन गिरफ्तार

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किशनगंज /संवादाता

बीते महीने की 17 तारीख को कथित व्यवसाई पुत्र अपहरण मामले की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है ।मालूम हो कि पूरा मामला फर्जी निकला है और खुद विशाल डागा ने ही अपने अपहरण कि साजिश रची थी । एसपी कुमार आशीष द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि मिलापचंद डागा के पुत्र विशाल डागा सा0-हनुमान मंदिर गली धर्मगंज रेल गेट के नजदीक, थाना व जिला-किशनगंज सुबह अपने घर से निकलकर बाहर गये परंतु शाम तक घर नहीं लौटे, उसी दिन संध्या समय 07.45 बजे मिलापचंद डागा के मोबाईल नंबर -700____759 पर मोबाईल सं0-776____261 से फोन आया कि आपका बेटा हमारे कब्जे में है 60 लाख रूपया देकर सकुशल ले जा सकते है । उक्त घटना की सूचना मिलापचंद डागा द्वारा अगले दिन दिनांक -18.03.21 को दोपहर करीब 13.30 बजे थाना को दी गयी । जिसके संबंध में किशनगंज थाना कांड सं0-130/21, दिनांक-18.03.21, धारा -364ए/ 120बी भा0द0वि0 के अन्तर्गत अज्ञात के विरुद्ध दर्ज किया गया। एसपी कुमार आशीष ने बताया कि पुलिस द्वारा आसूचना संकलन एवं तकनीकी अनुसंधान करते हुए फिरौती वाले मोबाईल नंबर का जाँच पड़ताल किया गया तो उसका लोकेशन मुम्बई पाया गया तथा जांच पड़ताल के क्रम में यह बात सामने आयी कि विशाल डागा द्वारा दिनांक-16.03.2021 को संध्या में अपने पिताजी का जन्मदिन बड़े धूम-धाम से एम०जी०एम० के सामने वाले भाड़े के मकान में मनाया गया। एसपी कुमार आशीष द्वारा बताया गया कि जिसमें रोहित उर्फ बाबा एवं अन्य लोग शामिल थे।

पुलिस द्वारा अनुसंधान के क्रम में पूर्णियां, कटिहार एवं दरभंगा से संदेही लोगों को उठाकर पूछताछ किया गया। जांच के क्रम में एम०जी०एम० के सामने फिरोज आलम के मकान में किराये पर रह रहे रोहित उर्फ बाबा को पकड़कर पूछताछ किया गया तो उसने घटना से संबंधित कुछ संदेहास्पद बातों का उल्लेख किया । इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक, किशनगंज के आदेशोपरांत किशनगंज जिला बल से थानाध्यक्ष पहाड़कट्टा आरिज एहकाम एवं सुमित कुमार को मुम्बई जाने हेतु आदेशित करते हुए मुम्बई पुलिस से सहयोग करने का अनुरोध किया गया। किशनगंज की टीम मुम्बई में पहुंचकर फिरौती मांगने वाले व्यक्ति को पकड़ा। उसने अपना नाम रूपेश कुमार सिंह , पिता-अनिल कुमार सिंह, सा0-गोढियारी, थाना-विशनपुर, जिला-दरभंगा बताया एवं उसने फिरौती मांगने से संबंधित विस्तृत बातों का उल्लेख किया। उसके बाद उक्त टीम द्वारा रुपेश को पूछताछ हेतु किशनगंज लाया गया।

किशनगंज पहुँचने के पश्चात् रूपेश एंव रोहित उर्फ बाबा को आमने-सामने कर पूछताछ की गयी तो रोहित कुमार ने बताया गया कि विशाल डागा इनलोगों का घनिष्ठ मित्र है । घटना से एक सप्ताह पूर्व विशाल ने अपने मित्रों से कहा कि मुझपर 70-80 लाख रूपये का कर्ज हो गया है। मेरे पिता पैसा देने से इंकार कर रहे है। ऐसी परिस्थिति में तुमलोग मेरे अपहरण की योजना बनाओ और मेरे पिता से 60 लाख रूपया फिरौती की मांग करो ताकि मैं अपना कर्ज उतार सकूँ। इस काम के लिए रोहित ने रौनक सिंह को किशनगंज बुलाया एवं अपहरण से संबंधित विस्तृत योजना विशाल एवं रौनक ने बनायी जिसमें ये तय हुआ कि 45 लाख तुम रख लेना और 15 लाख हम तीनों को दे देना। योजना के अनुसार विशाल ने बागडोगरा से एक इनोवा गाड़ी को बारह हजार रूपये में किराया पर लिया एवं उस गाड़ी से किशनगंज से दरभंगा पहुँचा। दरभंगा पहुँचने के बाद रौनक ने स्कोर्पियों गाड़ी भेजा।

उक्त गाड़ी से कुसेश्वर स्थान जाकर विशाल एक दिन रूका । कुसेश्वर स्थान में रोहित के द्वारा सूचना दी गयी कि एम0जी0एम0 एवं अन्य स्थानों पर पुलिस की लगातार दबिश बढ़ती जा रही है। इस कारण तुम वहाँ से हट जाओं। तत्पश्चात ये बस से दिल्ली, दिल्ली से अमृतसर फिर चंडीगढ़ के होटल सिटी-इन में एक रात रुके एवं पैसा खत्म होने के बाद उक्त होटल के मैनेजर के खाता पर 07 हजार रूपया रोहित उर्फ बाबा से मंगवाया और दिल्ली आ गए ।

एसपी कुमार आशीष ने बताया कि  वहाँ एक सप्ताह रूकने के पश्चात कलकत्ता के एक लॉज में रूके। कलकत्ता से ही रोहित एवं अपने घर वालों को मैसेज किया कि मेरे पास पैसा समाप्त हो गया है। मैं घर आना चाहता हूँ। पैसे का व्यवस्था कर दीजिये। तब घर वालों ने पैसा का व्यवस्था किया। एसपी कुमार आशीष ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में किशनगंज पुलिस को एक ऑडियो एवं विडियो प्राप्त हुआ। उक्त वीडियो एवं ऑडियो को विशाल द्वारा बनाकर अपने साथियों को दिया गया है।

उक्त ऑडियो में विशाल द्वारा बोला जा रहा है कि पापा मुझे बचा लीजिए, जो पैसा मांग रहा है दे दीजिए, नहीं तो ये लोग मार देगा। प्राप्त वीडियो जिसे स्वयं विशाल द्वारा बनाकर अपने दोस्तों को दिया गया है। उक्त विडियो में विशाल बोल रहा है कि पापा 60-80 लाख रुपया का कर्जदार हो चुका हूँ। अगर पैसा नहीं मिला तो मुझे आत्महत्या करनी पड़ेगी। इज्जत की बात है । मेरा अपहरण नहीं हुआ और न ही किया गया है। हम अपने दोस्तों के साथ मिलकर तथाकथित अपहरण का खेल रचा।       

 पूछताछ के क्रम में रूपेश सिंह ने बताया कि रोहित ने फोन-पे के माध्यम से पाँच हजार रूपये इन्हें नया मोबाईल खरीदने के लिए दिया था तथा बोला था कि नया मोबाईल से फोन करना तथा उससे फिरौती की मांग करना ताकि पुलिस के अनुसंधान को भटकाया जा सके।अनुसंधान के क्रम में तथाकथित अपहृत विशाल डागा को बंगाल से सकुशल बरामद किया गया एवं पूछताछ के क्रम में उसने अपने स्वयं के अपहरण की योजना के बारे में विस्तृत रूप से बताया। एसपी ने बताया की उक्त मामला गुमराह करने, आपराधिक षड्यंत्र रचने, सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने एवं प्रशासनिक मकहमा को उलझाये रखने के आरोप में निम्न अभियुक्तों को धारा -364ए/420/120 बी/353 भा0द0वि0 के अंतर्गत दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है ।

उन्होंने कहा कि इस मामले में स्पीडी ट्रायल चलाकर कठोरतम सजा दिलायी जायेगी।”एसपी कुमार आशीष ने बताया कि मामले में विशाल सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है 1.रोहित सिंह उर्फ बाबा 2. रूपेश कुमार सिंह 3. विशाल डागा (तथाकथित अपहृत)।वहीं वीडियो से संबंधित पैन ड्राइव, मोबाइल चैटिंग मोबाइल-02 की बरामदगी हुई है ।इस अपहरण कांड कि गुत्थी को सुलझाने में अनवर जावेद अंसारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, किशनगंज, पु0नि0 अश्विनी कुमार तत्कालीन थानाध्यक्ष, किशनगंज (शहीद), पु0अ0नि0 आरिज एहकाम, थानाध्यक्ष, पहाड़कट्टा थाना, पु0अ0नि0 कुंदन कुमार, थनाध्यक्ष पोठिया थाना,पु0अ0नि0 संजय कुमार, थानाध्यक्ष, बहादुरगंज थाना,.प्रमोद कुमार, तकनीकी शाखा,सुमित कुमार, तकनीकी शाखा के कर्मी शामिल रहे है ।

किशनगंज :फर्जी निकला विशाल डागा अपहरण मामला, पुलिस ने सुलझाई कथित अपहरण की गुत्थी,विशाल डागा सहित तीन गिरफ्तार

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