पटना /संवादाता
बिहार विधानसभा में कल हुए जबरदस्त हंगामे और उसके बाद विपक्षी विधायकों की पुलिस द्वारा पिटाई का मामला अब संसद जा पहुंचा है। आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस मामले पर चर्चा के लिए राज्यसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है। 24 मार्च को राज्यसभा में चर्चा के लिए मनोज झा की तरफ से कार्य स्थगन की सूचना दी गई है। उन्होंने राज्यसभा के सभापति को इस मामले पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग रखी है।
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। मनोज झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे और इरादे के अनुरूप विधानसभा के अंदर इस तरह की अमानवीय पुलिसिया हमले की गूंज 24 मार्च को संसद में भी सुनाई देगी। तैयार रहिये….नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इसे मुकम्मल अंजाम तक ले जाकर आपकी विदाई सुनिश्चित करेंगे।

क्या था पूरा मामला
दरअसल भारी हंगामे के बीच बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बिल विधानसभा से पारित हो गया। नीतीश सरकार के बिहार विशेष सशस्त्र के खिलाफ विधानसभा के बाहर से लेकर अंदर तक आज जो कुछ हुआ उसने लोकतंत्र को तार-तार कर दिया। सदन के बाहर पुलिस विधायकों को लात-जूतों से पीट रही थी। उधर सदन के अंदर उससे कम शर्मनाक वाकया नहीं हुआ विपक्षी विधायकों ने आसन से बिल की कॉपी छीनकर फाड़ दी। सदन की कार्यवाही स्थगित हुई और फिर सत्ता पक्ष औऱ विपक्ष के विधायकों के बीच मारपीट भी हुई। इस मारपीट में राज्य सरकार के दो मंत्री भी शामिल थे। यही नहीं महिला विधायकों के साथ भी महिला पुलिस के द्वारा हाथापाई की गई। महिला विधायकों को भी घसीटकर सदन के बाहर किया गया। वही सदन के अंदर तैनात कर दिये गये बिहार के स्टेट रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों ने तेजस्वी यादव के साथ हाथापाई की। सदन के अंदर और बाहर हुए हंगामे पर राज्यसभा सांसद और आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने ट्वीट किया।
विपक्षी विधायकों द्वारा सदन के बाहर और अंदर जिस तरह से उपद्रव किया गया और उसके बाद उनकी पिटाई हुई उसके बाद उसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने भी माना है कि कहीं ना कहीं चूक हुई है ।जिसके बाद विपक्ष पूरी तरह सरकार के खिलाफ हमलावर हो चुका है ।