• माइक्रो कंटेनमेंट जोन में आने वाले सभी व्यक्तियों का किया गया कोविड-19 का जांच, सभी पाए गए निगेटिव
• कायाकल्प योजना के तहत सोनपुर अनुमंडल अस्पताल का किया एसेसमेंट
• एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण में जताई नाराजगी
छपरा /प्रतिनिधि
सारण के सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद सुकुमार के द्वारा बुधवार को देर शाम जिले के कई स्वास्थ्य संस्थानों का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य कर्मियों व चिकित्सा पदाधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश दिया। निरीक्षण के क्रम में सिविल सर्जन सबसे पहले सोनपुर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे । जहां पर चिकित्सा कर्मियों से उन्होंने परिचय प्राप्त किया और कायाकल्प योजना के तहत अस्पताल का इंटरनल एसेसमेंट किया। इस दौरान सिविल सर्जन ने चिकित्सा कर्मियों को प्रसव कक्ष समेत पूरे परिसर में साफ सफाई का विशेष रूप से ख्याल रखने का निर्देश दिया तथा कायाकल्प योजना के लिए अस्पताल को पूरी तरह से तैयार करने का आदेश दिया। निरीक्षण के क्रम में सिविल सर्जन दरियापुर प्रखंड के महमदपुर गांव में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद जानकारी ली। सीएस ने बताया कि उस गांव को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर कंटेनमेंट जोन में आने वाले सभी व्यक्तियों के सैंपल ली गई और सैंपल जांच में सभी व्यक्ति निगेटिव पाए गए। पॉजिटिव पाए गए व्यक्ति को होम आईसोलेट किया गया है। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन में नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को सूचित किया गया है।
मठिया अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मिला तालाबंद:
सिविल सर्जन डॉक्टर जेपी सुकुमार निरीक्षण के दौरान एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने पहुंचे और इस दौरान उन्होंने अस्पताल में साफ-सफाई दवाओं की उपलब्धता रजिस्टर इत्यादि की जांच की। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान अस्पताल में डॉ पंकज कुमार उपस्थित पाए गए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य प्रबंधक राजू कुमार के द्वारा उनके किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया गया है जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की है। वहीं उन्होंने एकमा प्रखंड के मोहम्मद नाथ के मठ स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह हेल्थ एन्ड वेलनेस सेन्टर का निरीक्षण करने पहुंचे। वहां उन्होंने ताला लटका पाया। जिसके बाद वहां पर पदस्थापित दो चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। सिविल सर्जन ने कहा कि यहां पर दो चिकित्सक पदस्थापित हैं एक डॉक्टर उत्कर्ष कुमार भारद्वाज तथा एक आयुष चिकित्सक राजीव कुमार यादव दोनों अनुपस्थित पाए गए। सिविल सर्जन ने कहा कि इस अस्पताल में सभी सुविधा उपलब्ध है। 24 घंटे यहां पर मरीजों को सेवा देनी है लेकिन चिकित्सकों की लापरवाही से यह अस्पताल बंद पाया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रधान सचिव को पत्र लिखा जाएगा। जांच के दौरान सीएस ने पाया कि डॉक्टर उत्कर्ष भारद्वाज पटना के रुबन अस्पताल में कार्यरत हैं। इसके साथ ही वह अपना निजी क्लीनिक भी चलाते हैं वही डॉ राजीव कुमार यादव बी कभी-कभी ही अस्पताल आते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।