चीन ने पहली बार माना कि गलवान में हुई थी उसके सैनिकों की मौत

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देश/डेस्क

15 जून 2020 को हुई थी झड़प ।

चीन के 45 सैनिक मारे गए थे

चीन ने आखिर कार 8 महीने बाद मान लिया है कि गलवान घाटी में उसके सैनिकों की मौत हुई थी ।हालाकि अभी भी चीन ने सच्चाई को पूरी तरह से कबूल नहीं किया है । मालूम हो कि चीन के सरकारी समाचारपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सेना के आधिकारिक अख़बार पीएलए डेली के हवाले से ख़बर दी है कि चीन ने पहली बार ‘अपनी संप्रभुता की रक्षा में क़ुर्बानी देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए’ उनके नाम और उनके बारे में ब्यौरा दिया है.


पीएलए डेली ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि चीन की सेन्ट्रल मिलिट्री कमीशन ने काराकोरम पहाड़ों में चीन के पाँच अफ़सरों और सैनिकों की पहचान की है और उन्हें पदवियों से सम्मानित किया है.रिपोर्ट में चीनी सेना ने गलवान संघर्ष का विस्तृत ब्यौरा दिया है और बताया है कि कैसे ‘भारतीय सेना ने वहाँ बड़ी संख्या में सैनिक भेजे जो छिपे हुए थे और चीनी सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर रहे थे’.


रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि कैसे ‘चीनी सैनिकों ने स्टील के डंडों, नुकीले डंडों और पत्थरों से हमलों के बीच अपने देश की संप्रभुता की रक्षा की’ हालाकि 15 जून 2020 को चीनी सैनिकों द्वारा धोखे से भारतीय जवानों पर हमला किया गया था, जिसमे भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे ।कई रिपोर्ट्स में भी खुलासा हो चुका है कि चीन द्वारा पूरी साजिश के तहत यह करवाई कि गई थी ।बता दे कि अभी तक चीन अपने सैनिकों के मारे जाने की बात को छुपता रहा है और उसने 5 के मारे जाने की बात कबूल की है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के 45 जवान शहीद हुए थे। 

चीन ने पहली बार माना कि गलवान में हुई थी उसके सैनिकों की मौत

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