राजेश दुबे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा पर सदन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कृषि कानून को लेकर हो रहे आंदोलन से लेकर विपक्ष की ओर से की जा रही बयानबाजी तक हर बात का जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा कि आंदोलन करने वाले किसानों से सरकार की वार्ता जारी है। पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष को लोकतंत्र समझने की जरूरत है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में एक बार फिर से किसानों को यह आश्वासन दिया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी खत्म नहीं होगी। उन्होंने किसानों से आंदोलन खत्म करने की भी अपील की।वहीं पीएम ने विपक्ष के विरोध की तुलना शादी में नाराज़ होने वाले रिस्तेदारो से की ।
राज्यसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा 50 से अधिक सांसदों ने अपने विचार रखे। मैं सभी सदस्यों के प्रति धन्यवाद व्यक्त करता हूं। अच्छा होता कि राष्ट्रपति का भाषण सुनने के लिए भी लोग रहते। उनके भाषण की ताकत इतनी थी कि न सुनने के बावजूद बहुत कुछ बोल पाए।उन्होंने कहा पूरा विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है।
शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मानव जाति को ऐसे कठिन दौर से गुजरना होगा, ऐसी चुनौतियों के बीच।प्रधानमंत्री ने कहा, ”अगर हम पूरी दुनिया को देखें और इसकी तुलना भारत के युवा दिमाग से करें, तो ऐसा लगता है कि भारत अवसरों की भूमि में बदल गया है। एक देश जो युवा है, उत्साह से भरा है और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करता है, ऐसे अवसरों को कभी नहीं जाने देगा।”पीएम मोदी ने राज्यसभा में विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि मनोबल तोड़ने वाले मुद्दे न उठाएं । पीएम मोदी ने कहा, कम समय में मिशन मोड में आए वैज्ञानिक।
भारत में सबसे तीव्र गति से टीकाकरण अभियान। फार्मेसी के क्षेत्र में भारत उभरकर सामने आया। उन्होने कहा हम आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ये एक प्रेरक अवसर है। हम जहां हों, मां भारती की संतान के रूप में आज़ादी के 75वें पर्व को हमें प्रेरणा का पर्व मनाना चाहिए ।पीएम मोदी ने कहा, संसद में भाषण के दौरान मैथिलीशरण गुप्त की एक कविता भी सुनाई। उन्होंने कहा, मैथिलीशरण गुप्त जी ने कहा था, ‘अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है। तेरा कर्मक्षेत्र बड़ा है, पल-पल है अनमोल अरे भारत उठ, आंखे खोल।’ पीएम मोदी ने आगे कहा कि अगर आज मैथिलीशरण गुप्त होते तो वह कविता कुछ ऐसे लिखते, ‘अवसर तेरे लिए खड़ा है। तू आत्मविश्वास से भरा पड़ा है, हर बाधा, हर बंदिश को तोड़..अरे भारत आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़।’
पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि लोकतंत्र को लेकर बहुत उपदेश दिए, भारत का लोकतंत्र बहुत मजबूत है। भारत राष्ट्रवाद संकीर्ण नहीं है। हमें अपने युवा पीढ़ी को सीखाना होगा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करोना काल में विपक्ष द्वारा ताली थाली बजाने एवं मोमबत्ती जलाकर कोरोना वारियर का उत्साह वर्धन करने पर हुए आलोचना पर भी विपक्ष को घेरा और कहा कि कोरोना को लेकर डराने की कोशिशें भी हुईं।
कई विशेषज्ञों ने अपनी समझ के हिसाब से बताया। आज दुनिया इस बात पर गर्व कर रही है कि भारत ने कोरोना से लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार को नहीं जाता है, लेकिन भारत को तो जाता है। विश्व के सामने आत्मविश्वास से बोलने में क्या जाता है।पीएम ने कहा भारत के लिए दुनिया ने बहुत आशंकाएं जताई थीं। विश्व बहुत चिंतित था कि अगर कोरोना की इस महामारी में भारत अपने आप को संभाल नहीं पाया तो न सिर्फ भारत, पूरी मानव जाति के लिए इतना बड़ा संकट आ जाएगा, ये आशंकाएं सभी ने जताई ।
प्रधानमंत्री ने कहा कोरोना काल में दुनिया के लोग निवेश के लिए तरस रहे हैं। लेकिन भारत है जहां रिकॉर्ड निवेश हो रहा है। एक तरफ निराशा का माहौल है, तो दूसरी तरफ हिंदुस्तान में आशा की किरण नजर आ रही है ।पीएम मोदी ने कहा- सदन में किसान आंदोलन पर चर्चा हुई। किसान आंदोलन क्यों हो रहा है यह नहीं बताया। आंदोलन की मूलभूत बात पर चर्चा होनी चाहिए थी।उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर देखा होगा फुटपाथ पर छोटी झोपड़ी लगाकर बैठी एक बुढ़ी मां अपनी झोपड़ी के बाहर दीया जलाकर भारत के शुभ के लिए कामना कर रही है।
हम उसका मजाक उड़ा रहे हैं, उस भावना का मखौल उड़ा रहे हैं! विरोध करने के लिए कितने मुद्दे हैं । पीएम ने कहा चुनौतियां तो हैं। लेकिन हमें तय करना है कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं या समाधान का माध्यम बनना चाहते हैं ।यहां लोकतंत्र को लेकर काफी उपदेश दिए गए हैं। मैं नहीं मानता कि जो बातें बताई गई हैं देश का कोई भी नागरिक उन पर भरोसा करेगा। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है जिसकी खाल हम इस तरह से उधेड़ सकते हैं, ऐसी गलती हम न करें ।
पीएम मोदी ने संसद में कहा- 10 करोड़ किसानों के खाते में पैसे भेजे गए। अगर बंगाल में राजनीति आड़े नहीं आती तो यह आंकड़ा और ज्यादा होता। पीएम मोदी ने कृषि कानून पर विपक्ष के विरोध को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कई राजनीतिज्ञ यू-टर्न मार रहे हैं। सियासत हावी तो अपने विचार छूट जाते हैं। मनमोहन सिंह ने एक बाजार की बात की थी। कृषि कानूनों पर विपक्ष के विरोध की तुलना पीएम मोदी ने शादी में नाराज होने वाले रिश्तेदारों से की। उन्होंने कहा जब इतना बड़ा परिवार है तो यह सब लगा रहता है।
पीएम ने कहा आंदोलनकारियों से सरकार की बात चल रही है। कोई तनाव पैदा नहीं हुआ है। आंदोलनकारियों को समझाते हुए हमें देश को आगे ले जाना होगा। एमएसपी है, एमएसपी था और एमएसपी रहेगा…मेहरबानी कर के भ्रम न फैलाएं।उन्होंने कहा दूध उत्पादन किन्हीं बंधनों में बंधा हुआ नहीं है। दूध के क्षेत्र में या तो प्राइवेट या को-ऑपरेटिव दोनों मिलकर कार्य कर रहे हैं। पशुपालकों जैसी आजादी, अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे और सीमांत किसानों को क्यों नहीं मिलनी चाहिए ।पीएम ने कहा कुछ लोग हैं जो भारत को अस्थिर-अशांत देखना चाहते हैं। हमें नहीं भूलना चाहिए कि पंजाब के साथ क्या हुआ।
आजादी मिली तो सबसे ज्यादा पंजाब को नुकसान हुआ। इसके पीछे कौन ताकतें हैं, हर सरकार ने इसको जाना है, परखा है और जांचा है। कुछ लोग हमारे सिख भाइयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं। ये देश हर सिख भाई पर गर्व श्रमजीवी, बुद्धजीवी के बाद नई जमात सामने आई है आंदोलनजीवी। स्टूडेंट हो या कोई भी आंदोलन हो वहां शामिल हो जाते हैं। ये आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं। जहां-जहां सरकार चलाते होंगे वहां यह नजर आते होंगे। नया एफडीआई आया है?नया एफडीआई यानी फारेन डिस्ट्रक्टिव एक्टिविटी। देश को इससे बचना होगा।पीएम ने कहागांव और शहर की खाई को अगर हमें पाटना है तो उसके लिए आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ना होगा ।
पीएम ने कहा भारत की युवा शक्ति पर हम जितना जोर लगाएंगे, हम जितने अवसर उनको देंगे, मै समझता हूं कि वो हमारे देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए मजबूत नींव बनेंगे ।