दिल्ली :राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को किया संबोधित ,कहा तिरंगे का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

देश/दिल्ली

शुक्रवार को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ संसद के बजट सत्र शुरुआत हो चुकी है। श्री कोविंद ने अपने अभिभाषण में केंद्र सरकार के काम-काज का लेखा-जोखा देश की जनता के बीच रखा है। और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की ।राष्ट्रपति श्री कोविंद ने गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा और तिरंगे का अपमान किए जाने की निंदा करते हुए कहां की पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।






राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन कृषि कानूनों से पहले जो अधिकार और सुविधाएं उपलब्ध थीं, उन्हें कम नहीं किया गया है। वास्तव में इन नए कृषि सुधारों के साथ सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं और अधिकार प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में शुरू की गईं किसान रेल, भारत के किसानों को नया बाजार उपलब्ध कराने में नया अध्याय लिख रही हैं। अब तक 100 से ज्यादा किसान रेलें चलाई जा चुकी हैं जिनके माध्यम से 38 हजार टन से ज्यादा अनाज और फल-सब्जियां, एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक किसानों द्वारा भेजी गई हैं।’ 






श्री गोविंद ने उज्जवला योजना, बिजली के क्षेत्र में किए गए सरकार के कार्यों, सहित बीते 6 वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी देते हुए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की ।

राष्ट्रपति श्री कोविंद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ बजट सत्र शुरू हुई। मालूम हो कि फरवरी को बजट पेश किया जाएगा।बता दे कि कांग्रेस समेत देश की 19 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान सभी सांसदों से सहयोगी की अपील की। उन्होंने कहा कि यह दशक का पहला सत्र है और भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत अहम है।






दिल्ली :राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को किया संबोधित ,कहा तिरंगे का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण

error: Content is protected !!