किशनगंज /संवादाता
72वे गणतंत्र दिवस के अवसर पर व्यवहार न्यायालय , किशनगंज में जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मनोज कुमार – I ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और उसके बाद न्याय सन्देश दिया जिसमें उन्होंने यह दर्शाया कि लोकतांत्रिक गणतंत्र में हमें केवल चुनाव में मतदान कर अपने कर्तव्य की इतिश्री नहीं समझनी चाहिए वरन् सरकार द्वारा क़ानून बनाए जाने में एवं अच्छे शासन के लिए सुझाव भी पेश करना चाहिए ।

उन्होंने कहा हमें आत्म मंथन, आत्मचिंतन करना चाहिए जिसमें अपने कार्यों का मूल्यांकन इस प्रकार किया जाए कि हमने देश के लिए क्या शुभ कार्य किया और यदि कोई अशुभ कार्य जाने – अनजाने में किया तब उसे सुधार भी किया जाए । उन्होंने अपने सन्देश में यह भी कहा कि कई बार कर्तव्यनिष्ठ लोगों की उपेक्षा की जाती है जबकि वह संस्था और देश के हित में कार्य करता है ।उनकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए और दूसरी ओर कई ईमानदार समझे जाने वाले लोग अपने ईमानदारी गुण से आत्ममुग्ध रहते हैं और अपने गुण का प्रयोग नहीं कर पाते हैं ।उन्होंने यह दर्शाया कि ज्ञान व गुण की सार्थकता तभी होती है जब वह कर्म को स्फूर्ति प्रदान करता है । उन्होंने सभी को शुभकामनायें देते हुए उनसे अपेक्षा की कि भारतीय दर्शन में प्रमुख न्याय दर्शन जो भारत के संविधान की प्रस्तावना में न्याय की महत्ता के रूप में दर्शाया गया है उस अनुरूप हमें प्रयत्नशील रहना है ।
अंत में उन्होंने न्याय के जयघोष के साथ न्याय प्रेमियों के स्वास्थ्य , प्रकृति, पर्यावरण एवं संस्कार को संरक्षित रखते हुए उन्हें, उनके परिवार, समाज व देशहित की कामना किया।
गणतंत्र दिवस समारोह में प्रधान न्यायाधीश श्री राम सूरत, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम श्री अजीत कुमार सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय श्री आशुतोष पाण्डेय, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री रजनीश रंजन, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्री जीतेंद्र कुमार – I, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी तृतीय श्री सुभाष चंद द्विवेदी, अवर न्यायाधीश – सह – सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्री अभिषेक कुमार मिश्रा, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी श्री डी.के. पाण्डेय व श्री श्याम नाथ साह तथा प्रोबेशनरी सिविल जज (जू० डि०) श्री रोहित कुमार एवं श्री संदीप साहिल के साथ जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री शिशिर कुमार दास व सचिव श्री प्रमोद कुमार सिन्हा, अधिवक्ता संघ के सचिव श्री दीपक शर्मा एवं अधिवक्तागण, न्यायकर्मीगण तथा पारा विधिक स्वयं सेवक उपस्थित रहें।