सीमावर्ती इलाकों के लोगों को अब आई भूखे मरने की नौबत
ग्रामीण कर रहे हैं भारत सरकार व नेपाल सरकार से सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार बॉर्डर सामान्य करने की मांग
किशनगंज /चंदन मंडल
भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू होने की बाद भी गलगलिया बॉर्डर नहीं खुलने को लेकर कोई नोटिफिकेशन सरकार द्वारा जारी नहीं होने से सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों में रोष है .
भारत नेपाल सीमा से सटे इलाकों में रहने वाले ग्रामीण जिनका नेपाल से रोटी और बेटी का संबंध है आजकल उनलोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बीते 10 महीनों से सीमा पर आवाजाही नहीं होने की वजह से कई तरह की कठिनाईयों से गुजर रहे हैं. जिसके बाद अब इनके सब्र का बांध टूटता जा रहा है.
गलगलिया, भातगांव डांगुजोत , सोनापिण्डी , डुब्बाजोत , मयनागुड़ी आदि यह सभी भारत-नेपाल की सीमा से सटा हुआ है. इन क्षेत्रों में रहने वाले सैकड़ों लोग रोजी रोटी के लिए नेपाल पर निर्भर है तो वहीं बड़ी संख्या में नेपाली नागरिक भी हाट बाजार करने भारतीय इलाकों में आते है .लेकिन कोरोना कि वजह से सीमा सील हुई तो 10 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद अभी तक नहीं खुली है .
जिससे ना सिर्फ रोजी रोटी बल्कि रिश्तों में भी दूरियां बढ़ी है .स्थानीय ग्रामीणों का कहना है की हमलोग हर दिन बॉर्डर खुलने का इंतजार करते है ताकि अपने रिश्तेदारों से खुल कर मिल सके और रोजगार के लिए भी आवागमन हो सके . सरकार को बॉर्डर अब पहले की तरह सामान्य कर देना चाहिए . जबकि अब तो कोरोना के खिलाफ टीकाकरण भी शुरू हो गया है .
इसके बावजूद सरकार द्वारा किसी तरह की कोई सूचना अभी तक बॉर्डर खुलने को लेकर नहीं दी जा रही है. जिससे परेशानी और बढ़ रही है .ग्रामीणों ने बताया कि भारत नेपाल सीमा बंद हुए इतने दिन हो गए क्या भारत सरकार या नेपाल सरकार कुछ सरकारी गाइडलाइंस जारी करके बॉर्डर नहीं खोली सकती है ?
हमलोगों की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है . हमलोगों का नेपाल से ही रोजी रोटी चलता है.अब अगर बॉर्डर नहीं खुली तो हमलोगों को भूखे मरने की नौबत आ जाएगी. बता दें कि भारत नेपाल सीमा से आवाजाही बंद हुए सात 10 महीने से भी ज्यादा वक्त हो गए हैं. कोरोना के कारण सीमा पर आवाजाही ठप है.लोगों के बीच थोड़ी दूरी बनी हुई है , भारत – नेपाल में रह रहे रिश्तेदारों को मिलने जुलने में परेशानी हो रही है. सीमावर्ती इलाके और नेपाल में जिन भारतीयों का व्यापार है उनकी दिक्कतें बढ़ी है.
उनका व्यापार कोरोना वायरस को लेकर ठप है. इधर सीमा पर आवाजाही ठप होने से भारत नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र पानीटंकी बाजार भी सुनसान है, वहीं नेपाल के बिर्तामोड़ स्तिथ भारतीय ग्राहकों पर आश्रित आंख अस्पताल सहित कई पर्यटक स्थल सुनसान है. सीमा सील रहने के कारण , बेटी- रोटी के सम्बंध पर भी प्रभाव साफ साफ दिख रहा है .