Breaking:PK ने जिसके साथ किया प्रेस कॉन्फ्रेंस वो निकले फर्जी,स्वर्गीय करतार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर कर अपने भाई गुरुदयाल सिंह को खुद बताया था फ्रॉड, डॉ दिलीप जायसवाल पर आरोप लगाने पर बुद्धिजीवी वर्ग आक्रोशित 

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करतार सिंह खुद कॉलेज छोड़ कर हुए थे फरार

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर करतार सिंह ने सचिव होने के दावों को किया था खारिज 

प्रशांत किशोर राजनैतिक लाभ के लिए लगा रहे है अनर्गल आरोप

किशनगंज /राजेश दुबे

बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह एम जी एम मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ दिलीप कुमार जायसवाल के ऊपर जनसुराज पार्टी सुप्रीमो प्रशांत किशोर पाण्डेय द्वारा लगातार मिथ्या आरोप लगाए जाने के बाद किशनगंज के बुद्धिजीवियों में आक्रोश का माहौल है ।गौरतलब हो कि बीते दिनों प्रशांत किशोर ने पूर्व सचिव करतार सिंह के भाई गुरुदयाल सिंह के साथ एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर डॉ दिलीप कुमार जायसवाल के ऊपर कई आरोप कॉलेज के संबंध में लगाए थे, जिसके बाद जब गुरुदयाल सिंह के विषय में जानकारी जुटाई गई तो चौकाने वाला तथ्य सामने आया है ।

गुरुदयाल सिंह जो कि पूर्व सचिव करतार सिंह के भाई है को स्वयं स्वर्गीय करतार सिंह ने फ्रॉड कहते हुए सुप्रीम कोर्ट में 5 जुलाई 2018 को हलफनामा दायर किया था।करतार सिंह द्वारा दायर हलफनामे में यह कहा गया है कि वो लकवा ग्रस्त है और उनकी डायलिसिस चल रही है जिसकी वजह से उन्होंने विशेष अनुमति याचिका (सी) संख्या 7532/2016 और विशेष अनुमति याचिका (सी) संख्या 4180-4181/2016 की पैरवी के लिए गुरदयाल सिंह को इस विश्वास के साथ प्रतिनिधित्व का दायित्व सौंपा था कि वो अच्छे से कार्य करेगा ।

लेकिन मुझे पता चला है कि एक कथित के द्वारा फर्जी दस्तावेज के सहारे एक आवेदन दायर किया गया है ।जिसमें फर्जी और मनगढ़ंत सूचना दायर की गई है जिसमें मुझे माता गुजरी मेडिकल कॉलेज और लाइंस सेवा केंद्र का सचिव बताया गया है।अपने आवेदन में स्वर्गीय करतार सिंह स्वयं कह रहे है कि यह सर्वविदित है कि अब में सचिव नहीं हूं ।ऐसे में सवाल उठता है कि जो व्यक्ति 5 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहता है कि वो सचिव नहीं है और लकवा से ग्रसित है तो उनके साथ गलत कहा हुआ है ?

मिली जानकारी के मुताबिक करतार सिंह स्वयं कॉलेज छोड़ कर फरार हुए थे क्योंकि जब तक वो सचिव थे कॉलेज को मान्यता नहीं मिली थी और एक छात्रा ने मान्यता नहीं होने की वजह से आत्महत्या कर लिया था ।जिसके बाद छात्र छात्राओं का आक्रोश भड़क उठा था और करतार सिंह कॉलेज छोड़ कर फरार हो गए ।

उसके बाद कॉलेज के सभी ट्रस्टियों की बैठक हुई । डॉक्टर दिलीप कुमार जायसवाल के अथक प्रयासों से कॉलेज को मान्यता मिला और कॉलेज के छात्र देश विदेश में इस कॉलेज का नाम रौशन कर रहे है।

स्थानीय लोगों का कहना है किशनगंज मेडिकल कॉलेज के निदेशक सह प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने मेडिकल कॉलेज को संवारने का कार्य किया है जिसका फायदा आज पूरे बिहार के लोगों के साथ साथ बंगाल के लोगों को भी मिल रहा है ।ऐसे में लोग प्रशांत किशोर से माफी मांगने की मांग कर रहे है।।

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