हिंदी कविता: चाहत

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चाहत है तुम्हें पास बुलाने की,
एक हसीन ख्वाब सजाने की।
तुम्हारे संग हर लम्हा बिताने की,
तुम्हारे संग एक दुनिया बसाने की।

चाहत है तुम्हारी बातों में खो जाने की,
तेरी हंसी में खुद को पाने की।
तुम्हारे संग हर राह पर चलने की,
तेरे दर्द को अपना कहने की।

तुम्हारे संग हर एक पल संजोने की,
तेरे हर एहसास में खुद को खोने की।
एक चाहत है बस इतनी सी,
तुम मेरे हो और मैं तेरी।

चाहत है तेरी बाहों में सुकून पाने की,
तेरे ख्वाबों में अपने रंग भरने की।
तेरी खुशियों में मुस्कुराने की,
तेरी चाहत में खुद को मिटाने की।

चाहत है तेरे साथ एक नया सफर शुरू करने की,
तेरे संग एक नया जहाँ बसाने की।
बस इतना ही है मेरा सपना,
तेरे संग हर लम्हा बिताना अपना।

हिंदी कविता: चाहत

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