मुरझाए चेहरों पर बिखरी मुस्कान जब जनकल्याण मंच ने श्रमिकों के पेट की ज्वाला को करवाया शांत ।

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किशनगंज /ठाकुरगंज /रणविजय

बिहार राज्य के ठाकुरगंज क्षेत्र होकर नेशनल हाइवे 327 ई मार्ग होकर पश्चिम बंगाल स्थित अपने घरों के लिए पैदल ही निकल पड़े ईंट श्रमिकों के पास पेट की ज्वाला शांत करने का कोई खाद्य पदार्थ नही बचा था।इस बात की सूचना जब ठाकुरगंज जनकल्याण मंच को मिली तो मंच के अध्यक्ष सिकन्दर पटेल ने अपने वॉलिंटियर्स के साथ गलगलिया बंगाल सीमा पहुंच भूखे श्रमिक तथा उनके परिजनों को सुखा भोजन में मुढ़ी,नमकीन, ब्रेड आदि खाद्य सामग्री की फौरन व्यवस्था कर उन्हें मुहैया कराया,जिसे पाकर श्रमिकों के मुरझाए चेहरे पर मुस्कान बिखर आई।श्रमिकों के चेहरे पर छायी मुस्कान देख जनकल्याण मंच के सदस्यों का भी हृदय सुकून से भर उठा। उधर दूसरी ओर दोनों ही राज्य की सीमा पर तैनात खोड़ीबाड़ी पुलिस के एएसआई तन्मय कुंडू ने बताया कि बंगाल के इन प्रवासी श्रमिकों को आज की ही रात उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए बस परिवहन की व्यवस्था बंगाल प्रशासन के द्वारा की जा रही है।पिछले दो दिनों में श्रमिकों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ इन्हें उनके घर भेजा गया है।ज्ञात हो कि कोरोना के संक्रमण से मुक्ति को लेकर लॉकडाउन से प्रवासी मजदूरों का हाल बेहाल हो गया है।पिछले डेढ़ महीने से लॉकडाउन के कारण जो जहां हैं,वे वहीं रुके हुए हैं।ईंट भट्ठों में काम खत्म हो जाने के बाद ये मजदूर करीब एक महीने से ईंट भट्ठों में ही रुके हुए थे जिस कारण उनके घर में भी परिवार के अन्य सदस्यों के भरण पोषण की समस्या उत्पन्न हो रही थी तो ये लोग सरकारी अथवा निजी स्तर से किसी तरह के परिवहन की व्यवस्था न होता देख कहीं पैदल तो कहीं साइकिल और ठेले से ही अपने-अपने गांव-घर की ओर चल पड़े हैं।

मुरझाए चेहरों पर बिखरी मुस्कान जब जनकल्याण मंच ने श्रमिकों के पेट की ज्वाला को करवाया शांत ।

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