अनियन्त्रित रक्त शर्करा अत्यधिक हानिकारक है व शरीर के प्रत्येक अंग को प्रभावित कर सकता है

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कैमूर/भभुआ(ब्रजेश दुबे):

सोमवार को विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में पद यात्रा कर रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने को सदर अस्पताल कैमूर सिविल सर्जन (C S)मिना कुमारी ने आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि अनियन्त्रित रक्त शर्करा अत्यधिक हानिकारक है एवं शरीर के प्रत्येक अंग को प्रभावित कर सकता है। अनियन्त्रित रक्त शर्करा के कारण पक्षाघात, हृदयाघात, रेटिनोपैथी (आँखों की रोशनी कम होना), नेफरोपैथी (वृक्क रोग), न्यूरोपैथी (नस तन्त्र रोग), डिस्लिपीडिमिया (वसा रोग) इत्यादि होने की सम्भावना कई गुणा बढ़ जाती है।

चिकित्सकों का कहना है कि मधुमेह के साथ रक्तचाप अनियन्त्रित होना करेले पर नीम चढ़ा जैसा है। ऐसी स्थिति में उपरोक्त उलझनें कई कई गुणा बढ़कर जानलेवा भी हो सकती हैं। मधुमेह एवं रक्तचाप को नियन्त्रण रहने से हमलोग इन उलझनों से बच सकते हैं। इसके लिए हमलोगों को पौष्टिक सादा गृह निर्मित भोजन, पर्याप्त जल का सेवन करना चाहिए। प्रयास कर प्रतिदिन एक घंटा व्यायाम करना चाहिए। हमें अपने रोग के अनुसार चिकित्सीय परामर्श से ही ओषधि का सेवन करना चाहिए। कभी भी स्वयं उपचार का प्रयास न करें, हानि हो सकती है। आवश्यकतानुसार रक्त एवं अन्य जाँच कर ओषधि में उचित परिवर्तन चिकित्सीय परामर्श से कर नियमित सेवन करना लाभदायक सिद्ध होता है।

अनियन्त्रित रक्त शर्करा अत्यधिक हानिकारक है व शरीर के प्रत्येक अंग को प्रभावित कर सकता है

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