किशनगंज :जिले में 01 अप्रैल से 30 मई माह के बीच प्रसव संबंधी 3384 मामलों का हुआ सफल निष्पादन 

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

जिले में सुरक्षित प्रसव के लिये सरकारी चिकित्सा संस्थानों पर बढ़ा है लोगों का भरोसा 

प्रसव संबंधी किसी जटिलता से बचाव का महत्वपूर्ण जरिया है संस्थागत प्रसव 

किशनगंज :संस्थागत प्रसव यानि विश्वस्त चिकित्सा संस्थानों में प्रशिक्षित व सक्षम स्वास्थ्य कर्मियों के पर्यवेक्षण में एक बच्चे को जन्म देना। जहां प्रसव से जुड़ी तमाम जटिलताओं से निपटने व माता व शिशु के जीवन को बचाने के लिये बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों।  संस्थागत प्रसव मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाने का महत्वपूर्ण जरिया है। घरेलू प्रसव की तुलना में संस्थागत प्रसव जच्चा-बच्चा के बेहतर देखभाल संभव है। बीते कुछ सालों में जिले के सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं के विकास के कारण संस्थागत प्रसव के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।एनएफएचएस-05 की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में प्रसव संबंधी 54.6 फीसदी मामलों का निष्पादन सरकारी चिकित्सा संस्थानों  किया जा रहा है । 

संस्थागत प्रसव पर बढ़ा है लोगों का भरोसा :

जिले के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में कोरोना काल में भी प्रसव सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रही। बीते अप्रैल से मई के अंत तक कुल 3384 जिले के सभी सरकारी चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षित प्रसव संभव हो सका। उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल होने के बाद प्रसव संबंधी सेवाओं के लिये सदर अस्पताल के प्रति लोगों का भरोसा बढ़ा है। 

प्रसव सेवाओं में हुआ है गुणात्मक सुधार :

जिले के सदर अस्पताल, जिले के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में  प्रसव सेवा संचालित है। इसके अलावा कोचाधामन के अलता एवं हल्दीखोरा , पोठिया प्रखंड के तारणी , किशनगंज के महीनगावं , ठाकुरगंज के पौवाखाली अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा किशनगंज के मशेश्बथ्ना हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में भी सुरक्षित प्रसव की सुविधा उपलब्ध है | स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रसूति गृह व ऑपरेशन कक्ष में देखभाल में गुणात्मक सुधार के उद्देश्य से लक्ष्य कार्यक्रम का संचालित किया जा रहा है। इसके तहत प्रसूति कक्ष, ऑपरेशन थियेटर,  प्रसुति संबंधी गहन देखभाल इकाईयों आईसीयू में गर्भवती महिला व नवजात के विशेष देखभाल संबंधी तमाम इंतजाम सुनिश्चित कराया जाना है। सदर अस्पताल को लक्ष्य प्रमाणीकरण प्राप्त हो चुका है। इधर नये सिरे से बहादुरगंज , पोठिया , सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लक्ष्य प्रमाणीकरण के अनुरूप तैयार करने की कवायद जारी है। 

संस्थागत प्रसव के हैं कई लाभ : 

सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर  ने बताया कि संस्थागत प्रसव के कई लाभ हैं। अस्पताल में आने के बाद माताएं खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं। विशेष परिस्थितियों में जच्चा व बच्चा की सेहत का समुचित ध्यान रखना आसान होता है। साथ ही अस्पताल में प्रसव के बाद शहरी इलाके की प्रसूति को 1000 रुपये व ग्रामीण इलाके की प्रसूति को 1400 रुपये आर्थिक सहायता प्रदान किया जाता है। परिवार नियोजन के स्थायी साधन अपनाने पर प्रसूति को 2000 व प्रसव के सात दिन बाद नियोजन कराने पर आर्थिक सहायता के रूप में 3000 रुपये देने का प्रावधान है। संस्थागत प्रसव से बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र बनाने संबंधी जटिलता भी खत्म हो जाती हैं। इतना ही नहीं अस्पताल में सामान्य व सिजेरियन ही जरूरी दवा भी नि:शुल्क उपलब्ध करायी  जाती  है। प्रसव के अस्पताल आने व पुन: घर जाने के लिये नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करायी  जाती  है। समय पर जरूरी प्रतिरक्षण की सुविधा उपलब्ध होती है।

ट्राइज रूम की है व्यवस्था

सदर अस्पताल के लेबर विभाग में कार्यरत जीएनएम शिप्रा सिन्हा ने कहा कि जिले में ही एमसीएच बिल्डिंग की स्थापना के साथ ही पहली बार ट्राइज रूम की स्थापना की गयी। जहां पर गर्भवतियों की हिस्ट्री देखकर उच्च जोखिम और निम्न जोखिम की गर्भवती महिलाओं को अलग उच्च जोखिम वाली गर्भवतियों जिनमें हाई बीपी, एनीमिया या पैर में सूजन जैसी समस्याएं है उन्हें तुरंत ही ओपीडी में दिखाया जाता है। ट्राइज रूम में ही गर्भवतियों का बीपी, तापमान, एलएमपी , इडीडी और अल्ट्रासाउंड की स्थिति देखी जाती है। इसके बाद जिनका प्रसव नजदीक मंं ही हो उन्हें प्री डिलीवरी रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है। वहां से जरूरत के अनुसार लेबर रूम में ले लिया जाता है। 

24 घंटे सिजेरियन की सुविधा

वही सदर अस्पताल प्रांगन में  एमसीएच में उच्च जोखिम वाली गर्भवतियों के लिए 24 घंटे सिजेरियन की सुविधा उपलब्ध है। मेटरनिटी ओटी की इंचार्ज ज्योति कुमारी ने बताया कि इस एमसीएच के लेबर विंग में दो तरह के ओटी माइनर और मेजर हैं। मेजर में सिजेरियन की सुविधा उपलब्ध है वहीं माइनर में परिवार नियोजन  और गर्भपात संबंधित छोटे ऑपरेशन होते हैं। यहां तीनों शिफ्ट में डॉक्टर तथा नर्स की तैनाती है। ऑपरेशन थियेटर काफी प्रभावशाली है जहां हाइड्रोलिक ऑपरेशन टेबल, कार्डियक मॉनिटर,24 घंटे ऑक्सीजन सप्लाई, शिशुओं की उचित देखभाल के लिए वार्मर, सक्शन मशीन, ऑक्सीजन कंस्नट्रेटर की व्यवस्था है। ब्लड की भी व्यवस्था अस्पताल के ब्लड बैंक से उपलब्ध हो जाती है।

किशनगंज :जिले में 01 अप्रैल से 30 मई माह के बीच प्रसव संबंधी 3384 मामलों का हुआ सफल निष्पादन 

error: Content is protected !!