अररिया : सीताधार अतिक्रमण से बढ़ा जान माल का खतरा – बेलाल अली

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अररिया/सुमन ठाकुर


सीताधार भू माफियाओं द्वारा अतिक्रमण की चपेट में आ जाने से सीताधार का अपना अस्तित्व खोता जा रहा । साथ ही साथ आसपास के लोग हैरान व परेशान हो गए हैं जैसा कि हर वर्ष उन्हें प्रलयकारी बाढ़ का सामना करना पड़ता है । उनको इस बात यह डर सता रहा है कि कहीं इस बार उससे ज्यादा भयावह स्थिति न उत्पन्न हो जाए । क्योंकि सीता धार के बीचो बीच एक लंबी सी ऊंची दीवार बना दी गई है ।

जो पानी को निकलने में काफी अवरोध पैदा करेगा । नगर पार्षद प्रतिनिधि सह राजद नगर अध्यक्ष बेलाल अली जब सीता धार का जायजा लेने आसपास बसे लोगों के साथ पहुंचे । बेलाल अली ने बताया कि सीताधार होकर जोगबनी , बथनाहा की ओर से आने वाले पानी का निकास होता है अगर सीताधार इसी तरह से अतिक्रमित रहा तो पूरे शहर में बाढ़ का पानी फैल जाएगा और इससे जान व माल की काफी क्षति होगी ।

शहर के साथ-साथ आसपास के पंचायतों का भी पानी निकासी का एकमात्र रास्ता सताधार है । साथ ही साथ बेलाल अली ने बताया कि एक तरफ सरकार कहती है कि यह सताधार है और इसका अतिक्रमण नहीं हो सकता दूसरी ओर सरकार यहां की जमीन खरीद बिक्री की खुली छूट दे रखी है , नगर परिषद मकान बनाने के लिए नक्शा की स्वीकृति देता है , बिजली विभाग सीताधार में बने घर को बिजली कनेक्शन देता है एवं राष्ट्रीयकृत बैंक सीताधार में घर बनाने के लिए लोन देता है ।

यह कहां का न्याय है ?

बिलाल अली ने सवाल किया कि अगर सीता धार है तो यहां पर इन सब चीजों का कनेक्शन कैसे मिल जाता है और अगर नहीं है तो सरकार क्लियर कर दे कि यहां कोई सीता धार नहीं है । वही बेलाल अली ने कहा कि सीताधार के अस्तित्व को बचाना हमारा और फारबिसगंज वासियों की जिम्मेदारी है इसलिए हम लोग सीताधार के अस्तित्व बचाने की लड़ाई की शुरुआत कर चुके हैं ।

इसमें शहर के कई लोगों ने अपना सहयोग देने का वादा किया है । जल्द ही इस मामले पर सिताधार बचाओ फारबिसगंज बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा । इस मौके पर संतोष सरदार , परमानंद पासवान , सज्जाद अंसारी , राजू भगत , मुन्ना , कमलेश्वरी पासवान , फारुख , चानू , उपेंद्र चौधरी , मिथिलेश पोद्दार , कृत्यानन्द गुप्ता , वरुण दास , संतोष सिंह , साहेब आलम , संजय पासवान , उत्तम चंद विश्वास सहित अन्य लोग मौजूद थे ।

अररिया : सीताधार अतिक्रमण से बढ़ा जान माल का खतरा – बेलाल अली