200 भट्टा में लगभग 20 हजार मजदूर फंसे ।सभी बंगाल के है रहने वाले ।
किशनगंज /अब्दुल करीम
- लॉक डाउन में सबसे ज्यादा मुश्किल अगर किसी सामने आई है वह है मजदूर,जिनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है.और उनकी सुनने वाला कोई नहीं है किशनगंज में बंगाल के करीब 20 हजार मजदूर फस गए हैं,यह मजदूर ईट भट्टा पर काम करते हैं ,लेकिन लॉक डाउन में काम बंद है और ईट भट्टा के मालिकों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं,नौबत यह आ गई है कि मजदूरों के घर का चूल्हा नहीं जल रहा है,ऊपर से घर जाने के लिए कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है |
यह मजदूर बंगाल के कूचबिहार इलाके का है,किशनगंज में यह ईट भट्ठों पर काम करते हैं,लेकिन लॉक डाउन में काम बंद हो गया,काम बंद होने का नतीजा यह रहा कि खाने-पीने का संकट इनके सामने खड़ा है| भट्टा संचालक अशोक अग्रवाल का कहना है कि
- जब तक हुआ ईट भट्टा के मालिकों ने मजदूरों की मदद की,लेकिन अब वह भी पीछे हट गए हैं ,और उसके बाद मजदूरों की स्थिति यह है के उनके घर का चूल्हा नहीं जल रहा है,मजदूर वापस कुचबिहार जाना चाहते हैं,लेकिन इसमें भी सिस्टम का पेज फंसा हुआ है ।
और सिस्टम का संचालन करने वाले अधिकारी सफाई दे रहे हैं की ईट भट्टा संघ उन्हें फंसे हुए मजदूरों का लिस्ट दे उन्हें जाने की व्यवस्था कर देंगे।
- किशनगंज जिले में 200 भट्टे चल रहे हैं,इन पर 20 हजार के करीब श्रमिक काम कर रहे हैं, पहले बारिश ने इस उद्योग पर पानी फेर दिया और बाद में लोगों ने भट्टा उद्योग को लॉक कर दिया ,जो पेश की मिली थी वह मजदूर परिवारों ने बैठ कर खा लिया ,मजदूरों की हालत वैसी है अब इनके पास भोजन तक के रुपए नहीं है,अब इन मजदूरों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की जाए।
,,,,
Post Views: 210