24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा- पुराण कथा मानस पुत्रों द्वारा दिव्य – वातावरण में सम्पन्न हुआ

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किशनगंज /प्रतिनिधि

24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा- पुराण कथा बालूबाड़ी कालानागीन , कोचाधामन में शांति कुंज हरिद्वार के सूक्ष्म संरक्षण में दूसरा दिन मानस पुत्रों द्वारा दिव्य – वातावरण में सम्पन्न हुआ । गायत्री यज्ञ के माध्यम से टोली प्रधान विनय पांडेय ने यज्ञ की गहन चर्चा के उपरांत अपने संबोधन में कहा कि मूल रूप से मानव जीवन ही यज्ञ रुप हैं , किन्तु हम भटके हुए देवता हो गये हैं ।

यज्ञ के माध्यम स्वास्थ्य संवर्धन , वातावरण परिशोधन के साथ -साथ हमारी भाव संवेदना भी जागृत होकर एकात्मकता, अनुरुपता का बोध कराता है। मूल रुप से लगभग दो दर्जन दीक्षा संस्कार यज्ञोपवीत सहित संपन्न हुआ। सांयकालीन गोष्ठी में प्रज्ञा -पुराग कथा के माध्यम से पारिवारिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय चेतना जागृत करने से सम्बंधित विस्तृत चर्चा की गई। केन्द्रीय टोली के सत्यनारायण जी , गोविंद शास्त्री , बजरंगी कुमार का योगदान रहा साथ ही स्थानीय मुखिया अबु सलमान का सहयोग सराहनीय रहा और ग्रामीणों का अपार सहयोग से यज्ञ का सफल संचालन हो रहा हैं ।

वरिष्ठ प्रज्ञा पुत्र श्यामानंद झा, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक ने कहा कि भारतीय संस्कृति परमार्थ – परायणता का जीवन्त उदाहरण हैं। गायत्री परिवार शिवगंजधाम बालूबाड़ी भाई कमलेश जी अखिल विश्व गायत्री परिवार ने अपने माध्यम से मंत्र लेखन -पुस्तिका एवं गुरु जी का साहित्य हजारों प्रतियां मुफ्त वितरण किया।

तथा प्रज्ञा पुत्र श्री झा ने इसकी महत्ता को जन -जन तक पहुंचाने का अथक प्रयास किया । दिव्य वातावरण में आज यज्ञ पूर्णाहुति हुई ।कल प्रातः 6 बजें से पूर्ववित कार्यक्रम प्रारंभ होने की घोषणा की गई ।












24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा- पुराण कथा मानस पुत्रों द्वारा दिव्य – वातावरण में सम्पन्न हुआ