नेपाल की जनता कर रही है त्राहिमाम सरकार के खिलाफ बढ़ रहा आक्रोश
नमक की कीमत पहुंची 60 तो नेपाली रुपया भी लुढ़का
राजेश दुबे
नेपाल सरकार द्वारा जारी नए विवादित नक्शे के बाद नेपाल के नागरिकों की मुस्किले बढ़ गई है । हिंदुस्तान ने नेपाल को हमेशा अपना छोटा भाई समझा और हर मुसीबत में भारत ने नेपाल का साथ दिया है । नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप हो या फिर हर साल आने वाले बाढ़ के बाद नेपाल के नागरिकों को मदद देने की बात हिंदुस्तान ने हमेशा खुले हाथ से नेपाल की मदद की यही नहीं कोरोना महामारी के दौरान भी हिंदुस्तान की सरकार ने नेपाल को दवा सहित अन्य सहायता प्रदान करने का काम किया है ।
नेपाल की वामपंथी सरकार चीन की सुनियोजित साजिश का हिस्सा बन कर विवादित नक्शे को पास कर पीठ में छूरा घोपने का काम किया और भारत के भूभाग को अपना दिखाने के लिए सदन में नया नक्शा पास कर दिया ।
नक्शा पास होने से भारत का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है और ना ही नेपाल में इतनी शक्ति है की वो जबरन हिंदुस्तान की जमीन पर कब्जा कर ले । भारत से नेपाल का रिश्ता ना सिर्फ सांस्कृतिक रहा है बल्कि अध्यात्मिक रिश्ता भी है उसके बावजूद नेपाल ने एक बार भी विवादित नक्शे को पास करते समय नहीं सोचा और इसे नेपाली अस्मिता और राष्ट्रवाद से जोड़ कर आंख दिखाने की कोशिश की गई ।

अब नेपाल की हठधर्मिता का खामियाजा नेपाल की भोली भाली जनता को उठाना पड़ रहा है । नेपाल में सरकार की नीतियों के खिलाफ नागरिक भी सड़क पर उतर कर विरोध कर रहे है । नेपाल में खाद्य सामग्रियों की भारी कमी हो गई है । नेपाल में महंगाई आसमान छूने लगा है ।
भारत नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी ने बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया है । बिहार के सीतामढ़ी में नेपाली सेना के द्वारा किए गए हालिया कूकृत जिसमें एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई के बाद एसएसबी के जाबाज सैनिक पूरी तरह मुस्तैद है । हालाकि covid 19 बीमारी के आरंभ में ही बॉर्डर को सील कर दिया गया था जो की अगर नेपाल ईमानदारी से रहता तो खुल सकता था ।
लेकिन नेपाल सरकार द्वारा रिस्तो को खराब करने का खामियाजा सीमा वर्ती क्षेत्रो में रहने वाले नागरिकों को उठाना पड़ रहा है । एसएसबी द्वारा पूरी तरह सीमा को सील किया जा चुका है और चौकसी बढ़ा दी गई है । एसएसबी की सख्ती से ऐसे खुदरा कारोबारी जो छोटी खेप में खाद्य सामग्री नेपाल ले जाते थे या सीमा क्षेत्र से सटे इलाकों के ग्रामीण जो की हिंदुस्तान में समनो की कीमत कम होने के कारण खरीददारी करने आते थे उनका आना जाना पूरी तरह बंद हो गया है । एसएसबी सूत्रों की माने तो खाद्य सामग्री की तस्करी करने वालो पर पूरी तरह नकेल कसी जा चुकी है ।
एसएसबी द्वारा बॉर्डर को पूरी तरह सील किए जाने के बाद नमक ,सरसो तेल ,दाल ,सब्जी सहित अन्य खाद्य सामग्री की कीमतों में बेतहाशा बढोतरी हुई है । जानकारी के मुताबिक नेपाल के कई इलाकों में नमक की कीमत 60 रुपए तक पहुंच चुका है । जबकि सरसो तेल की कीमत 200-250 तक पहुंच चुकी है ।बढ़ी कीमतों के बाद नेपाल में त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई हैं ।
ऐसे में कहा जा सकता है की नेपाल की ओली सरकार की गलतियों का खामियाजा नेपाल की जनता को उठाना पड़ रहा है ।नेपाल की सरकार के पास अभी भी समय है की चीन के जहरीले चरित्र को समझे और भारत से जो रोटी बेटी का संबंध सदियों से रहा है उसी अनुरूप कार्य करे ।