जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की बेरुखी के मारे ग्रामीणों ने बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्य का स्वयं उठाया जिम्मा

बेहतर न्यूज अनुभव के लिए एप डाउनलोड करें

गांव तथा कृषि भूभाग के अस्तित्व को नदी के कहर से बचाने के लिए जेसीबी से नहर चीरकर पानी के बहाव को डायवर्ट करने का हो रहा प्रयास

किशनगंज/रणविजय


किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखण्ड अंतर्गत डुमरिया ग्राम पंचायत में वार्ड संख्या 07 स्थित पूरब तेलिभिट्ठा गांव की सैंकड़ो आबादी वर्षों पूर्व से ही बूढ़ी कनकई नदी के कहर का दंश झेलते चले आ रही है।एकड़ का एकड़ कृषि उपजाऊँ भूमि नदी के गोद में समा जाने के पश्चात् अब आवासीय मकान नदी कटान के निशाने पर है जो प्रत्येक वर्ष धीरे-धीरे गांव की दिशा की ओर अग्रसर है।जिस वजह ग्रामवासी पिछले कुछ एक सालों से काफी बेचैन और खौफजदा भी है जो अपने गांव और बची खुची अचल संपत्ति को नदी के कहर से बचाने के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर शासन प्रशासन के चौखट पर गुहार लगाते लगाते मानो थक चुके हैं।और यही नतीजा है कि उक्त गांव के ग्रामीण,जनप्रतिनिधियों और प्रशासन का आस छोड़कर बाढ़ पूर्व सुरक्षात्मक कार्य को अंजाम देने हेतु अब स्वयं ही बीड़ा उठाने का निर्णय लेते हुए दो-दो जेसीबी से नहर खुदवाने का कार्य मंगलवार के दिन से आरम्भ कर दिया है।






पीड़ित ग्रामवासी मंजर आलम ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि हमारे गांव से पहले दूर किन्तु अब नजदीक होकर बहने वाली बूढ़ी कनकई नदी गांव तथा गांववासियों के लिए एक अभिशाप साबित हो रहा है, जिन्होंने पहले हमारे बेशकीमती उपजाऊ खेतों को लील लिया और अब गांव को लीलने की तैयारी में है।हमने अपने खेतों को बचाने के लिए हरसंभव उपाए किए,शासन प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों के समक्ष गुहार पर गुहार लगाएं किन्तु कोई काम ना आया।अंततः थक हारकर हम गांववाले नदी की धारा को बदलने के लिए गांव में ही चन्दा इकट्ठा कर दो अलग अलग जेसीबी वाहन के जरिए गांव के उत्तरी हिस्से से लेकर दक्षिणी हिस्से की ओर करीब 4 सौ से 5 सौ मीटर तक नदी किनारे किनारे नहर चीरकर गांव की ओर सटकर बहने वाली धारा को डायवर्ट करने के प्रयास में लग गए हैं।हालाँकि हमारा यह प्रयास कितना सफल हो पाएगा यह तो समय आने पर ही पता चलेगा,लेकिन नहर से गांव को राहत की पूरी उम्मीद है।पूछने पर कि पिछले वर्ष गांव के समीप जल निस्सरण विभाग द्वारा बैम्बू पाइलिंग का कार्य सम्पन्न किया गया था,क्या वह कटाव निरोधक कार्य काम नही आया ?






इसपर अंजार आलम ने कहा कि पूर्व में जो भी काम हुआ वह नाकाफी रहा है।गांव को बचाने के लिए बड़े स्तर पर कटाव निरोधक कार्य की आवश्यकता है जिसकी अब किसी से कोई उम्मीद नही है हां सिर्फ आश्वासनों के सिवाय।अंजार आलम कहते हैं कि गांव के लोगों का मुख्य पेशा खेतीबाड़ी और मजदूरी है।पहले खेतों के नदी में समाने का ग़म और अब आशियानों को बचाने की चिंता में डूबे हैं ग्रामवासी।






आज की अन्य खबरें पढ़े :

जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की बेरुखी के मारे ग्रामीणों ने बाढ़ पूर्व कटाव निरोधक कार्य का स्वयं उठाया जिम्मा

error: Content is protected !!