उत्तराखंड /चमोली
राहत कार्य में आईटीबीपी ,आर्मी,एसडीआरएफ,एनडीआरएफ,वायु सेना के जवान है जुटे,पूरे रात चला बचाव कार्य
जोशी मठ के रेनी गांव में कल ग्लेशियर टूटने की वजह से हुए भीषण त्रासदी के बाद राहत और बचाव का कार्य आज भी जारी है ।मालूम हो कि अभी तक 14 शव बरामद किए जा चुके है । राहत एवं बचाव कार्य में ना सिर्फ एसडीआरएफ की टीम लगी हुई है बल्कि एनडीआरएफ ,आईटीबीपी ,आर्मी और भारतीय वायुसेना के जवान भी लगे हुए है ताकि लोगो को बचाया जा सके ।जानकारी के मुताबिक पूरी रात बचाव कार्य जारी रहा है।
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडे ने बताया कि एसडीआरएफ ने चमोली ज़िले में तपोवन बांध के पास की सुरंग में बचाव अभियान शुरू किया है ।उन्होने कहा कि हमने दूसरी टनल के लिए सर्च ऑपरेशन तेज़ कर दिया है, वहां क़रीब 30 लोगों के फंसे होने की सूचना है।आईटीबीपी के 300 जवान टनल को क्लियर करने में लगे हैं जिससे लोगों को निकाला जा सके।
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक 170 लोग इस आपदा में लापता हैं । चमोली पुलिस द्वारा बताया गया कि टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी है। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है और अलग-अलग स्थानों से 14 शव बरामद किए गए हैं ।मालूम हो कि भारतीय वायु सेना ने भी एमआई-17 और ALH हेलीकॉप्टरके जरिए राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया है।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया किग्लेशियर टूटने से रैणी पावर प्रोजेक्ट पूरा बह गया और तपोवन भी क्षतिग्रस्त हुआ। पहले प्रोजेक्ट से 32 लोग लापता हैं और दूसरे प्रोजेक्ट से 121 लोग लापता हैं।उन्होंने कहा कि तपोवन प्रोजेक्ट में दो टनल थीं, छोटी टनल से कल 12 लोगों को बचाया गया ।डीजीपी ने बताया कि बड़ी टनल को खोलने की कोशिश की जा रही है।
टनल का मलबा बाहर निकाला जा रहा है, इस काम में सेना की टीम लगी हुई है। मुझे उम्मीद है कि टनल शाम तक खुल जाएगी ।मालूम हो कि कल 12 लोग बाहर निकाले गए थे ।जिन्हे आर्मी द्वारा मेडिकल ऐड दी गई है ।आर्मी मेडिकल टीम के मेजर इकजोत सिंह ने बताया कि हमने उनको मेडिकल ऐड दी और उन लोगों की हालत अब स्थिर है ।